गाजा में सीमित मात्रा में पहुंच रही मानवीय आपूर्ति : संयुक्त राष्ट्र

गाजा में सीमित मात्रा में पहुंच रही मानवीय आपूर्ति : संयुक्त राष्ट्र

गाजा, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादियों के अनुसार, 24 अक्टूबर को मिस्र से गाजा में मानवीय आपूर्ति ले जाने वाले 20 ट्रक दाखिल हुए, जो पर्याप्त नहीं हैं।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा कि 20 ट्रक सोमवार को राफा सीमा पार कर गाजा पहुंचे और उनमें से आधे पानी, भोजन और दवा ले जा रहे थे।

21 और 22 अक्टूबर को 34 ट्रक जीवन रक्षक आपूर्ति के साथ गाजा में प्रवेश किए।

ओसीएचए ने कहा, यह इस नवीनतम संकट से पहले गाजा में प्रवेश करने वाली वस्तुओं की दैनिक औसत मात्रा के 4 प्रतिशत से अधिक के बराबर नहीं है।

21 अक्टूबर को 20 ट्रकों का एक काफिला राफा के रास्ते गाजा में दाखिल हुआ, जो 7 अक्टूबर को हमास-इज़राइल संघर्ष शुरू होने के बाद दो सप्ताह में पहली बार था।

गाजा में प्रवेश करने वाली सहायता डिलीवरी में ईंधन शामिल नहीं है।

ओसीएचए ने कहा, संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए), जो गाजा में अब तक की सबसे बड़ी मानवीय सहायता प्रदाता है, अगले दो दिनों के भीतर अपने ईंधन भंडार को समाप्त कर देगी।

इसमें कहा गया है, “ईंधन नहीं होने का मतलब पानी का अलवणीकरण नहीं होना है। ईंधन नहीं होने का मतलब यह भी है कि मानवतावादी साझेदारों को अपने पूरे सहायता वितरण अभियान को जल परिवहन पर केंद्रित करना होगा।”

गाजा में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या लगभग 1.4 मिलियन होने का अनुमान है।

मानवतावादियों ने भीड़भाड़ के बारे में चेतावनी दी है, क्योंकि प्रति आश्रय लोगों की औसत संख्या क्षमता से 2.5 गुना से अधिक हो गई है।

बिजली, दवा, उपकरण और विशेषज्ञ कर्मियों की कमी को देखते हुए अस्पतालों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

गाजा शहर का शिफा अस्पताल, जो इस पट्टी का सबसे बड़ा अस्पताल है, वर्तमान में लगभग 5,000 मरीजों का इलाज कर रहा है, जो कि इसकी 700 मरीजों की क्षमता से काफी अधिक है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा गया है कि गाजा शहर और उत्तरी गाजा में सात अस्पतालों को नुकसान, बिजली और आपूर्ति की कमी और निकासी आदेशों के कारण बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

ओसीएचए ने कहा, लगातार 14वें दिन गाजा में पूरी तरह बिजली गुल है।

–आईएएनएस

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