नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। पीरियड क्राइम थ्रिलर सीरीज ‘सुल्तान ऑफ दिल्ली’ के साथ अपना ओटीटी डेब्यू करने वाले फिल्म निर्माता मिलन लूथरिया ने कहा कि किसी को भी किसी भी मंच पर खुद को अभिव्यक्त करने के लिए स्वतंत्र महसूस करना चाहिए, जब तक कि वह दर्शकों की सौंदर्य संबंधी प्राथमिकताओं और नैतिक मूल्यों का ध्यान रखते हैं।
अर्नब रे की किताब ‘सुल्तान ऑफ दिल्ली: एसेंशन’ पर आधारित यह सीरीज रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित और मिलन लूथरिया द्वारा निर्देशित है। यह सुपर्ण वर्मा द्वारा सह-निर्देशित और सह लिखित है।
सीरीज में ताहिर राज भसीन, अंजुम शर्मा, विनय पाठक, निशांत दहिया और अनुप्रिया गोयनका, मौनी रॉय, हरलीन सेठी और मेहरीन पीरजादा जैसे कलाकार हैं, जो एक आदर्श कलाकारों की टोली बनाते हैं।
आईएएनएस से बात करते हुए ‘कच्चे धागे’ के निर्देशक ने सिल्वर स्क्रीन की तुलना में ओटीटी के कारण फिल्म निर्माताओं को मिलने वाली रचनात्मक स्वतंत्रता के बारे में खुलकर बात की।
मिलन ने कहा, “मुझे लगता है कि फिल्में हमें रचनात्मक स्वतंत्रता भी देती हैं। लेकिन बॉक्स-ऑफिस कभी-कभी कुछ चीजें तय करता है। लेकिन मुझे लगता है कि किसी को भी किसी भी मंच पर खुद को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र महसूस करना चाहिए, जब तक कि वह हमारे दर्शकों की सौंदर्य संबंधी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखता है और नैतिक दिशा-निर्देश का पालन करता है।”
उन्होंने साझा किया, ”कामुकता, हिंसा, क्रूरता, आतंक एक निश्चित सीमा के बाद मनोरंजक नहीं रह जाता है। यह अश्लील रक्तरंजित या बहुत अधिक हो जाता है। मुझे लगता है कि अगर किसी में सीमा की समझदारी है तो किसी भी प्रारूप में खुद को अभिव्यक्त करना संभव है।”
55 वर्षीय फिल्म निर्माता ने कहा कि वह कॉमेडी और हॉरर फिल्मों में भी अपना हाथ आजमाना चाहते है।
मिलन के काम में ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई’, ‘दीवार’, ‘वन्स अपॉन ए टाइम इन मुंबई दोबारा’, ‘बादशाहो’ जैसी एक्शन थ्रिलर फिल्में शामिल हैं।
‘सुल्तान ऑफ दिल्ली’ डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही है।
–आईएएनएस
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