नेतन्याहू ने अमेरिका के समर्थन के लिए ब्लिंकन को धन्यवाद दिया, कहा- 'हमास के बर्बर लोगों' को कुचला जाना चाहिए

नेतन्याहू ने अमेरिका के समर्थन के लिए ब्लिंकन को धन्यवाद दिया, कहा- 'हमास के बर्बर लोगों' को कुचला जाना चाहिए

जेरूसलम, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को इजरायल के तेल अवीव पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक संयुक्त बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल के लिए समर्थन दिखाने के लिए वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिकी लोगों के आभारी हैं।

द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने तेल अवीव में अपने संयुक्त वक्तव्य की शुरुआत में कहा, “आज यहां आपकी महत्वपूर्ण यात्रा के लिए धन्यवाद।”

उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद, और हमास के बर्बर लोगों के खिलाफ हमारे युद्ध में इज़राइल के लिए आपके अविश्वसनीय समर्थन के लिए अमेरिकी लोगों को धन्यवाद।”

फिर वह उन्हें हिब्रू में धन्यवाद देते हैं और कहते हैं, “मिस्टर सेक्रेटरी, आप एक आहत राष्ट्र, एक लड़ने वाले राष्ट्र, शेरों के राष्ट्र, एक ऐसे राष्ट्र में आए हैं जो हमारे चारों ओर बुरी ताकतों को हराने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”

नेतन्याहू ने यह भी कहा कि यह यात्रा “इज़राइल के लिए अमेरिका के स्पष्ट समर्थन का एक और उदाहरण है”।

उन्‍होंने कहा, “हमास ने खुद को सभ्यता के दुश्मन के रूप में दिखाया है। एक बाहरी संगीत समारोह में युवाओं की हत्या, पूरे परिवारों की हत्या, माता-पिता की उनके बच्चों के सामने हत्या और बच्चों की उनके माता-पिता के सामने हत्या, लोगों को जिंदा जलाना, सिर काटना, एक युवा लड़के का न केवल अपहरण, बिल्‍क छेड़छाड़, चोट पहुंचाना, हमला करना बेहद निंदनीय है।”

इजरायली प्रधानमंत्री ने “बुराई के उत्सव और महिमामंडन” पर भी दुख जताया।

द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने आगे कहा, “राष्ट्रपति बाइडेन इसे सरासर बुराई कहने में बिल्कुल सही थे।”

“हमास आईएसआईएस है, और जैसे आईएसआईएस को कुचल दिया गया, वैसे ही हमास को भी कुचल दिया जाना चाहिए।”

द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने घोषणा की, “और हमास के साथ बिल्कुल वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए जैसा कि आईएसआईएस के साथ किया गया था।”

उन्होंने कहा, “उन्हें राष्ट्रों के समुदाय से बाहर कर देना चाहिए। किसी भी नेता को उनसे नहीं मिलना चाहिए। किसी भी देश को उन्हें आश्रय नहीं देना चाहिए। और जो ऐसा करते हैं उन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।”

नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें “इसमें कोई संदेह नहीं है कि सभ्यता की ताकतें जीतेंगी, और इसका कारण यह सच है कि हम समझते हैं कि जीत की पहली शर्त क्या है। आपने अभी हमारी बैठक में यही कहा है – नैतिक स्पष्टता”।

उन्होंने कहा, “यह एक समय, एक विशेष समय, एक विशेष समय है, जब हम सभी को बुराई के खिलाफ खड़ा होना चाहिए, गर्व करना चाहिए और एकजुट होना चाहिए। टोनी, आप वह रुख अपना रहे हैं, अमेरिका वह रुख अपना रहा है।”

“आज, कल और हमेशा इजरायल के साथ खड़े रहने के लिए अमेरिका को धन्यवाद” कहते हुए उन्‍होंने ब्लिंकन से हाथ मिलाया।

–आईएएनएस

एसजीके

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