न्यूयॉर्क, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। हाल ही में किए गए दो शोधों में खुलासा किया गया है कि ओपनएआई के चैटजीपीटी-4 किसी व्यक्ति की सोच, उसकी डेमोग्राफी के अनुसार उसके लिए उसकी शैली के अनुसार नैरेटिव बना सकता है।
पिछले रिसर्च से पता चला है कि पर्सनल नैरेटिव्स आइडेंटिटीमें महत्वपूर्ण रोल निभा सकते हैं और हमें अतीत और वर्तमान को समझने में मदद कर सकते हैं। यह लोगों की नैरेटिव को रिइन्टरप्रेट करने में मदद करके, थेरेपिस्ट्स मरीजों को स्वस्थ विचारों और व्यवहारों की ओर मार्गदर्शन कर सकते हैं।
पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के पॉजिटिव साइकोलॉजी सेंटर के शोधकर्ताओं ने इंडिविजुअल पर्सनल नैरेटिव्स जनरेट करने के लिए चैटजीपीटी-4 की क्षमता का टेस्ट किया।
जर्नल ऑफ पॉजिटिव साइकोलॉजी में प्रकाशित स्टडी के निष्कर्षों से पता चला है कि 26 में से 25 प्रतिभागियों ने एआई-जनरेटेड प्रतिक्रियाओं को पूरी तरह या अधिकतर सटीक बताया, 19 ने नैरेटिव को बहुत या कुछ हद तक आश्चर्यजनक बताया, और 19 ने संकेत दिया कि उन्होंने अपने बारे में कुछ नया सीखा है।
साइकोलॉजी प्रोफेसर और पॉजिटिव साइकोलॉजी सेंटर के निदेशक मार्टिन सेलिगमैन ने कहा, “साइंटिफिक साइकोलॉजी के इतिहास में यह एक दुर्लभ क्षण है: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब अधिक प्रभावी साइकोथेरेपी और कोचिंग का वादा करती है।”
प्रत्येक प्रतिभागी के लिए, शोधकर्ताओं ने चैटजीपीटी-4 रिकॉर्ड को दर्ज किया, जिसकी तुलना “मैं भूखा हूं” या “मैं थक गया हूं” जैसे सरल विचारों वाली डायरी एंट्री से की गई थी।
द जर्नल ऑफ पॉजिटिव साइकोलॉजी में समवर्ती रूप से प्रकाशित एक अलग स्टडी में, टीम ने चैटजीपीटी-4 में पूरी तरह से सटीक रेटिंग वाले पांच नैरेटिव को फीड किया और स्पेसिफिक इंटरवेंशन्स के लिए कहा। इसके बाद उन्होंनेपाया कि चैटबॉट ने अत्यधिक प्रशंसनीय कोचिंग स्ट्रेटजी और इंटरवेंशन्स को जनरेट किया।
शोधकर्ताओं ने कहा, “चूंकि कोचिंग और थेरेपी में आम तौर पर ऐसी पहचान को विकसित करने में शुरुआती समय का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है, इसलिए इसे 50 विचारों से स्वचालित रूप से प्राप्त करना एक बड़ी बचत का प्रतिनिधित्व करता है।”
टीम ने पाया कि चैटजीपीटी केवल 50 स्ट्रीम-ऑफ-कांशसनेस विचारों और बुनियादी डेमोग्राफी जानकारी के साथ, अत्यधिक सटीक और विस्तृत पर्सनल नैरेटिव देने में सक्षम है।
–आईएएनएस
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