नई दिल्ली, 27 सितंबर (आईएएनएस)। एनआईए को जांच में पता चला है कि कनाडा में रहकर गैंगस्टर से आतंकवादी बना अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला हरदीप सिंह निज्जर के साथ लक्ष्यों का ब्योरा साझा करता था, हथियारों का इंतजाम करता था और आतंकी गतिविधियों के लिए जबरन वसूली के जरिए धन जुटाकर विभिन्न मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम (एमटीएसएस) चैनलों के जरिए खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) को फंड भेजता था।
खालिस्तानी चरमपंथी और केटीएफ प्रमुख निज्जर की इस साल 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी।
एनआईए ने अपने आरोपपत्र में कहा, “अर्शदीप सिंह, हरदीप सिंह निज्जर के साथ मिलकर लक्ष्य का विवरण साझा करके, हथियारों की व्यवस्था करके, विभिन्न एमटीएसएस चैनलों के माध्यम से आतंकी फंड भेजकर और जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाकर आतंकवादी गिरोह के सदस्यों को सुविधा दे रहा था। जांच से यह भी पता चला है कि लोगों से वसूले गए पैसे का एक बड़ा हिस्सा हवाला ऑपरेटरों के जरिए कनाडा में अर्श को भेजा गया था।”
एनआईए ने कहा कि पिछले साल सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़े गए रंगरूट, केटीएफ के आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अन्य धर्मों के लोगों का अपहरण करने और बाद में उन्हें मारने के लिए निज्जर और अर्श द्वारा रची गई एक गहरी साजिश का हिस्सा थे।
चार्जशीट में लिखा है, “उसकी साजिश देश में जबरन वसूली के जरिए धन जुटाकर हवाला चैनलों के जरिए कनाडा में स्थानांतरित करके भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालने की थी। इनमें से अधिकांश धनराशि का उपयोग केटीएफ की आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया।”
एनआईए सूत्रों के अनुसार, अर्श दल्ला, जिसे कनाडाई गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और गैंगवार में मारे गए गैंगस्टर सुखदूल सिंह के साथ संबंध के लिए जाना जाता है, आपराधिक गतिविधियों की एक श्रृंखला में गहराई से शामिल था।
2020 में सामने आई दल्ला की गतिविधियां मुख्य रूप से फंडिंग, आतंकी नेटवर्क को संगठित करने, सीमा पार हथियारों की तस्करी का समन्वय करने और पंजाब में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने पर केंद्रित थीं।
उसने और निज्जर ने कथित तौर पर 2021 में मोगा में सनशाइन क्लॉथ स्टोर के मालिक तेजिंदर, जिसे पिंका के नाम से भी जाना जाता है, की हत्या के लिए जिम्मेदार तीन सदस्यीय केटीएफ मॉड्यूल का गठन किया था।
2022 में उन्होंने ग्रेनेड हमलों को अंजाम देने के इरादे से चार-व्यक्ति केटीएफ मॉड्यूल स्थापित करने के लिए एक बार फिर सहयोग किया।
डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मनोहर लाल की हत्या के मामले में भी दल्ला का नाम सामने आया था. इसके अलावा, उसने पिस्तौल और मैगजीन की तस्करी के लिए गैंगस्टर बिक्रम बराड़ और गोल्डी बराड़ के साथ साझेदारी की।
सुरक्षा एजेंसियों ने 11 व्यक्तियों के एक समूह की पहचान की है, जिसमें गैंगस्टर और आतंकवादी शामिल हैं, जो इस समय कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और पाकिस्तान में रह रहे हैं, जहां से वे अपना गठजोड़ चला रहे हैं।
इनमें से आठ के कनाडा के भीतर से संचालित होने का संदेह है, जिनमें लखबीर सिंह जैसे व्यक्ति शामिल हैं, जिन्हें ‘लांडा’ और दल्ला के नाम से भी जाना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, हरिंदर संधू उर्फ रिंदा के पाकिस्तान में होने का संदेह है, जबकि सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ अमेरिका या कनाडा में छिपा हुआ है।
सूत्रों ने कहा, “लांडा, अर्श दल्ला, सतवीर सिंह वारिंग उर्फ रमन जज, चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू बिहला, सनावेर ढिल्लों और गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा दल्ला के कनाडा में होने का संदेह है, जबकि गौरव पटयाल उर्फ लकी, अनमोल बिश्नोई के अमेरिका में होने का संदेह है।” .
(संवाददाता शेखर सिंह से shekar.s@ians.in पर संपर्क किया जा सकता है)
–आईएएनएस
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