जब अंतरजातीय विवाह के बाद हरिवंश राय बच्चन के साथ खड़ी हुईं सरोजिनी नायडू

जब अंतरजातीय विवाह के बाद हरिवंश राय बच्चन के साथ खड़ी हुईं सरोजिनी नायडू

नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने खुलासा किया है कि जब पिता हरिवंश राय ने अपनी जाति से बाहर जाकर शादी की थी तो ‘भारत कोकिला’ सरोजिनी नायडू पहली ऐसी व्यक्ति थीं, जिन्होंने उन्हें सांत्वना दी थी।

हरिवंश राय बच्चन ‘नयी कविता’ साहित्यिक आंदोलन के कवि और लेखक थे। वह अपने काम ‘मधुशाला’ के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। उन्होंने 1941 में तेजी से शादी की।

क्विज़-बेस्ड रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ सीजन 15 के 14वें एपिसोड में होस्ट बिग बी ने हरियाणा के पंचकुला की सीनियर न्यूज एडिटर योजना यादव का हॉट सीट पर स्वागत किया।

3,20,000 रुपये के प्रश्न के लिए, योजना से पूछा गया, ”किस कवि द्वारा सराहना किए जाने के बाद बेगम अख्तर एक कलाकार के रूप में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित हुईं?”

दिए गए विकल्प थे ए : विजया लक्ष्मी पंडित, बी : महादेवी वर्मा, सी : सरोजिनी नायडू, और डी : सुभद्रा कुमारी चौहान।

ऑडियंस पोल लाइफलाइन का उपयोग करने के बाद, योजना ने सही उत्तर दिया जो था – सरोजिनी नायडू।

80 वर्षीय अभिनेता ने कहा, ”जब बेगम अख्तर ने 1934 में नेपाल और बिहार के भूकंप पीड़ितों के लिए एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, तो सरोजिनी नायडू ने उनकी सराहना की। बाद में उनकी गायकी के लिए उन्हें ‘मल्लिका-ए-गज़ल’ का खिताब दिया गया।”

बेगम अख्तर को हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की गजल, दादरा और ठुमरी शैलियों की सबसे महान गायिकाओं में से एक माना जाता है।

‘बागबान’ फेम अभिनेता ने तब कहा, “सरोजिनी नायडू कई भाषाएं जानती थीं और अच्छी तरह से शिक्षित थीं। वह संस्कृत जानती थीं और उन्होंने कई देशों की यात्रा की। वह एक कवयित्री और राजनीतिज्ञ भी थीं।”

अभिनेता ने आगे कहा, ”मुझे यह कहने में थोड़ा संकोच हो रहा है लेकिन वो मेरे बाबूजी की भी बहुत बड़ी प्रशंसक थीं। मेरे बाबूजी ने मां तेजी बच्चन के साथ अंतरजातीय विवाह किया था। मेरी मां तेजी सूरी एक सिख परिवार से थीं। उस समय हम लोग इलाहाबाद में रहते थे और उन दिनों उस क्षेत्र में दूसरी जाति में विवाह पाप माना जाता था। जब मेरे पिता मेरी मां को इलाहाबाद लाए तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा।”

”सरोजिनी नायडू उन्हें सांत्वना देने वाली पहली व्यक्ति थीं। उन्होंने उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिलवाया जो इलाहाबाद के आनंद भवन में रहते थे। मुझे आज भी याद है कि किस तरह उन्होंने मेरे पिता का परिचय उनसे कराया था। सरोजिनी नायडू ने पंडित नेहरू से कहा था कि एक कवि और उनकी कविता से मिलिए।”

1912 में प्रकाशित ‘इन द बाज़ार्स ऑफ़ हैदराबाद’ नायडू की सबसे लोकप्रिय कविताओं में से एक है। उन्हें ‘भारत की कोकिला’ भी कहा जाता था।

‘कौन बनेगा करोड़पति 15’ सोनी पर प्रसारित होता है।

–आईएएनएस

पीके

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