बिक्रम सिंह ने बताया कि आने वाले दो दिनों में कुमाऊं मंडल में कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा होने की संभावना.. 

बिक्रम सिंह ने बताया कि आने वाले दो दिनों में कुमाऊं मंडल में कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा होने की संभावना.. 

इसके लिए चेतावनी जारी कर गई। वहीं नैनीताल में शनिवार रातभर तेज बारिश हुई। रविवार को बारिश में कमी आई। वहीं सात नंबर सहित अन्य घनी आबादी वाले इलाकों में घरों में बारिश का पानी घुस गया।

HIGHLIGHTS

  1. देहरादून, टिहरी और पाड़ी जनपदों में भारी वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया गया
  2. शनिवार को देहरादून, मसूरी, गोपेश्वर और उत्तरकाशी में हुई दोपहर बाद वर्षा
  3. भारी वर्षा का दौर प्रदेश में पांच जुलाई तक जारी रखने की संभावना : निदेशक

 प्रदेशभर में मानसून की वर्षा का क्रम जारी है। शनिवार को कुमाऊं मंडल के अधिकांश जनपदों में भारी वर्षा हुई। देहरादून और मसूरी में भी दोपहर बाद हल्की से मध्यम वर्षा रिकार्ड की गई। देर शाम को चमोली जनपद के मुख्यालय गोपेश्वर और उत्तरकाशी में भी तेज वर्षा हुई।

यमुना में घटा जलस्तर, टोंस में खतरे के करीब

मानसून के दस्तक देने से नदियों के जल स्तर में भी उतार चढ़ाव देखा जा रहा है। कुछ दिन पूर्व तक यमुना व टोंस नदियां खतरे के स्तर पर पहुंच गई थी। लेकिन रविवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण देहरादून के आंकड़ों के अनुसार डाकपत्थर बैराज में यमुना नदी का जलस्तर 455.03 मीटर पर पहुंचा है, जबकि खतरे का स्तर 455.37 मीटर है। टोंस नदी का जलस्तर खतरे के स्तर के करीब है। इच्छाड़ी डैम में टोंस नदी का जलस्तर 644.70 मीटर पर है, जबकि टोंस नदी का खतरे का जलस्तर 644.75 मीटर पर है।

यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग सुचारू

उत्तरकाशी में जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले पैदल मार्ग पर भैरव मंदिर के पास भूस्खलन होने के कारण रास्ता अवरुद्ध हो गया था। जिसे सुचारू कर दिया गया। इस स्थान पर तीर्थयात्री जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे थे। लेकिन घोड़े-खच्चर का संचालन पूरी तरह से अवरुद्ध था।

रविवार की सुबह तीर्थ यात्रियों को किसी तरह भूस्खलन जोन पार कराया गया। मार्ग बेहद खतरनाक हो गया था। तीर्थ पुरोहितों ने शासन प्रशासन और संबंधित विभाग से तत्काल इन बोल्डरों और चट्टान को हटाए जाने और यात्रियों के लिए सुरक्षित रास्ता बनाने की मांग की थी।

नैनीताल में घरों में घुसा पानी

नैनीताल में शनिवार रातभर तेज बारिश हुई। रविवार को बारिश में कमी आई। वहीं सात नंबर सहित अन्य घनी आबादी वाले इलाकों में घरों में बारिश का पानी घुस गया। नैनी झील का जलस्तर सामान्य से पांच फिट पार हो गया है। जिले में फिलहाल सात सड़कों पर यातायात बंद है।

वहीं कुमाऊं मंडल के अधिकांश इलाकों में पिछले दो दिनों से भारी से बहुत भारी वर्षा हो रही है। शनिवार को सबसे अधिक वर्षा बनवसा में 171.2 मिलीमीटर दर्ज की गई। खटीमा में 106.4 व नैनीताल में 53.6 मिलीमीटर वर्ष हुई।

गढ़वाल मंडल में जौलीग्रांट में सुबह आठ बजे से दोपहर तीन बजे तक 69.3 मिलीमीटर व मसूरी में 23.3 मिलीमीटर वर्षा हुई। दोपहर बाद दून के मालदेवता क्षेत्र में तेज वर्षा से गर्मी एवं उमस से राहत मिली। एक घंटे की वर्षा से बाढ़ग्रस्त क्षेत्र सरखेत गांव के पास से बहने वाली बांदल नदी में एकाएक पानी बढ़ गया है।

रायपुर, सहस्रधारा रोड, जाखन, एफआरआइ, गढ़ीकैंट आदि क्षेत्रों में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। उधर, दोपहर बाद से मसूरी में तेज वर्षा हुई। देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 33.5 व न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

बागेश्वर में रिमझिम बारिश से जन जीवन प्रभावित

बागेश्वर जिले में शनिवार रात से रुक रुककर वर्षा हो रही है। हिमालयी गांवों का जन जीवन प्रभावित हो गया है। सरयू नदी का जल स्तर बढ़ा हुआ है। सिल्ट आने से पेयजल संकट बना है।

इधर, जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि एक सड़क सूपी रिखाडी बंद है। जिस पर यातायात रुका हुआ है। सड़क को खोलने के लिए लोडर मशीन लगाई गई है। मौसम विभाग के अनुसार वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है। जिला प्रशासन अलर्ट है।

बागेश्वर में अतिवृष्टि की भेंट चढ़ा मकान

अतिवृष्टि से ढिकुरा गांव में एक मकान ध्वस्त हो गया है। घटना में लोग बालबाल बच गए हैं। एक गोवंश चाेटिल हो गया है। पटवारी ने मौका मुआयना कर रिपोर्ट तहसीलदार को सौंप दी है। जानकारी के मुताबिक गरुड़ तहसील के गागरीगोल क्षेत्र के ढिकुरा गांव निवासी सुनील कुमार पुत्र खड़क राम का मकान अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गया है।

सुबह की घटना होने से परिवार पति-पत्नी और दो बच्चे बालबाल बच गए। जबकि उनकी गाय चोटिल हो गई है। पीड़ित ने बताया कि घर के अंदर घटना के समय कोई नहीं था। घर के भीतर रखा राशन, बिस्तर, कपडे, बर्तन आदि सामान मलबे में दब गया है। उन्होंने शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है।

दो दिनों में कुमाऊं मंडल में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आने वाले दो दिनों में कुमाऊं मंडल में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके लिए चेतावनी जारी कर गई। दो दिनों तक समूचे कुमाऊं मंडल में आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

इसके अलावा देहरादून, टिहरी व पौड़ी जनपदों में कही-कहीं गर्जन के साथ वर्षा हाेने व आकाशीय बिजली चमकने की संभावना है। इसे देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है। भारी वर्षा का दौर प्रदेश में पांच जुलाई तक जारी रखने की संभावना है।

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