अगर आप भी मूड स्विंग्स की समस्या से परेशान रहतें, तो आज ही इन 5 न्यूट्रिएंट्स को अपनी डाइट में शामिल करें..

अगर आप भी मूड स्विंग्स की समस्या से परेशान रहतें, तो आज ही इन 5 न्यूट्रिएंट्स को अपनी डाइट में शामिल करें..

इन दिनों ज्यादातर लोग मूड स्विंग्स की समस्या से परेशान रहते हैं। काम के प्रेशर और तनाव की वजह से अक्सर लोगों को मूड स्विंग्स शिकायत बनी रहती है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें अक्सर यह समस्या परेशान करती हैं तो आज ही इन 5 न्यूट्रिएंट्स को अपनी डाइट में शामिल करें।

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  • आजकल बढ़ते वर्क प्रेशर और तनाव की वजह से हर कोई परेशान हैं।
  • बिजी लाइफस्टाइल की वजह से मानसिक समस्याओं का शिकार हो रहे हैं।
  • मूड स्विंग्स इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिसके लिए आप इन न्यूट्रिएंट्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं।

 कामकाज के बढ़ते बोझ और तनाव की वजह से इन दिनों लोग शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक समस्याओं का भी शिकार होते जा रहे हैं। आजकल कई सारे लोग मूड स्विंग्स की समस्या से परेशान रहते हैं। हार्मोन में गड़बड़ी की वजह से अक्सर मूड स्विंग की समस्या होने लगती है। हार्मोन आपके शरीर के केमिकल मैसेंजर होते हैं, तो ब्लड स्ट्रीम के जरिए टीशूज और शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचते हैं।

हार्मोन न सिर्फ आपके मूड, बल्कि वजन, भूख, गर्भावस्था और थायरॉयड सहित आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डालते हैं। अगर आप भी अक्सर हार्मोन्स की वजह से होने वाले मूड स्विंग्स से परेशान रहते हैं, तो आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे न्यूट्रिएंट्स के बारे में, जिसे अपनी डाइट में शामिल कर आप मूड स्विंग्स की समस्या से निजात पा सकते हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड

ओमेगा-3 फैटी एसिड खासतौर पर ईपीए (ईकोसापेंटेनोइक एसिड) और डीएचए (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड), मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। यह मूड में सुधार और डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। आप फैट वाली जैसे सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन, अखरोट, चिया बीज, अलसी आदि से ओमेगा-3 फैटी एसिड पा सकते हैं।

बी विटामिन

बी विटामिन जैसे विटामिन बी 6, बी 9 (फोलेट), और बी 12 न्यूरोट्रांसमीटर सिंथसिस और रेग्युलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो मूड की स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं। विटामिन बी के अच्छे स्रोतों में साबुत अनाज, बीन्स, पत्तेदार हरी सब्जियां, अंडे, नट्स और बीज शामिल हैं।

मैग्नीशियम

मैग्नीशियम शरीर में होने वाले कई सारे बायोकेमिकल रिएक्शन में शामिल होते हैं, जिसमें मस्तिष्क के कार्य और मूड रेगुलेशन से जुड़ी प्रतिक्रियाएं भी शामिल हैं। मैग्नीशियम की मदद से चिंता और चिड़चिड़ापन को कम करने में मदद मिल सकती है। मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों में गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियां (जैसे पालक और केल), मेवे और बीज (जैसे बादाम और कद्दू के बीज), फलियां और साबुत अनाज शामिल हैं।

विटामिन डी

विटामिन डी की कमी डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर के जोखिम को बढ़ाता है। सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है। इसके अलावा यह वसायुक्त मछली, फोर्टिफाइड डेयरी या पौधे-आधारित दूध, अंडे की जर्दी और मशरूम में भी पाया जा सकता है।

एंटीऑक्सिडेंट

एंटीऑक्सिडेंट मस्तिष्क को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं, जोमूड इम्बैलेंस में योगदान कर सकता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों में रंगीन फल और सब्जियां (जैसे जामुन, खट्टे फल, पालक और केल), मेवे, बीज और हरी चाय शामिल हैं।

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