27 जून तक गुलजार रहेगा विंध्य पर्वत

27 जून तक गुलजार रहेगा विंध्य पर्वत

मीरजापुर। गुप्त नवरात्र…। इस बार हाथी पर सवार होकर आईं मां भगवती हाथी पर ही सवार होकर जाएंगी। यह भक्तों के लिए अद्भुत संकेत है। मां भगवती श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना और आराधना जुटे भक्तों को शत्रु से मुक्ति दिलाने के साथ कष्ट हरेंगी ही, तंत्र-मंत्र-साधना में जुटे साधकों को भी शक्ति व सिद्धि प्राप्त होगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्र में अच्छी बरसात होने के संकेत मिल रहे हैं और अच्छी पैदावार के साथ सुख-समृद्धि के भी संकेत बन रहे हैं।

विंध्य दरबार में चल रहा अनुष्ठान

आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी के पावन दरबार में गुप्त नवरात्र के दौरान वर्तमान में कई यज्ञ और अनुष्ठान चल रहे हैं और मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए मंदिर में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में गुप्त नवरात्र के प्रथम दिन से विंध्य पर्वत गुलजार है, जो 27 जून नवमी तक रहेगा।
आचार्य डा. रामलाल त्रिपाठी ने बताया कि गुप्त नवरात्र के दिनों में अमृत सिद्धि योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग के शुभ संयोग हैं। इन शुभ योगों में ज्वेलरी, वाहन, भूमि, प्रापर्टी आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार 19 जून को वृद्धि योग, 20 को त्रिपुष्कर योग, 21 जून को राजयोग, 22 जून को रवि योग, 23 जून को कुमार योग, 24 जून को रवि योग, 25 जून को रवि योग, राजयोग, त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग तथा 27 को रवि योग के साथ भड़ली नवमी अबूझ मुहूर्त रहेगा।

कठोर अनुशासन के साथ व्रत

गुप्त नवरात्र में मां भगवती के साधक व्रत के कठोर अनुशासन का पालन करते हैं और कठिन आराधना करते हैं। मान्यता है कि इन दिनों गलत कार्यों से दूर रहकर पूजा पूर्ण करनी चाहिए और किसी के अहित के बारे में नहीं सोचना चाहिए। ज्योतिषाचार्य के अनुसार माता का हाथी पर आना और प्रस्थान करना शुभ माना जा रहा है। हाथी की सवारी होने से ज्यादा और अच्छी बरसात होने के संकेत मिल रहे हैं। अच्छी पैदावार के साथ सुख समृद्धि के संकेत भी बन रहे हैं।

गुप्त नवरात्र का महत्व

धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र का बड़ा ही महत्व है। मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्र की तरह ही पूजन करने का विधान है। गुप्त नवरात्र किसी खास मनोकामना की पूजा के लिए तंत्र साधना का मार्ग लेने का पर्व है। गुप्त नवरात्र धन, संतान सुख के साथ शत्रु से मुक्ति दिलाने में भी कारगर है।

पूजा गुप्त रखने की धारणा

साधकों के लिए गुप्त नवरात्र बेहद खास होती है। गुप्त नवरात्र पर पूजा और व्रत रखने वाले अपनी पूजा गुप्त को रखते हैं। इसके पीछे धारणा है कि पूजा गुप्त रखने से उसके लाभ और प्रभाव में वृद्धि होती है।

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