यूपी में बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर खर्च होगें 35,384 करोड़

यूपी में बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर खर्च होगें 35,384 करोड़

लखनऊ। लगातार चढ़ते पारे के कारण बिजली की मांग के सापेक्ष बिजली आपूर्ति व्यवस्था बिगड़ी हुई है। जगह जगह विरोध हो रहा है। जनता परेशान हो रही है। भीषण गर्मी में बेपटरी होती बिजली आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने पर 35,384 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन का दावा है कि कार्यों के पूरा होने पर ट्रांसफार्मर की ओवर लोडिंग काफी हद तक कम हो जाएगी और जर्जर तारों की स्थिति नहीं रहेगी। ऐसे में लोकल फाल्ट के चलते बिजली आपूर्ति ठप रहने की नौबत नहीं आएगी।
पारा चढ़ने से बिजली की मांग का नया रिकार्ड बना। चूंकि मानसून आने में अभी सप्ताहभर से ज्यादा का समय है इसलिए गर्मी बढ़ने पर बिजली की मांग 28 हजार मेगावाट से ऊपर भी पहुंचने का अनुमान है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया कि केंद्र सरकार की पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र सुधार योजना(आरडीएसएस) के तहत बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुधारने पर राज्य में 35,384 करोड़ रुपये के कार्य होने हैं। कई कार्य हो भी रहे हैं जबकि विभिन्न कार्यों की टेंडर आदि की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। अध्यक्ष ने बताया कि काम पूरे होने पर निश्चित तौर पर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुधरनेगी। उन्होंने बताया कि 27,611 मेगावाट बिजली की मांग-आपूर्ति का 13 जून को नया रिकार्ड बना है। गांव को 18.05 घंटे, पंचायतों को 21.30 घंटे, तहसीलों को 21.30, बुंदेलखंड 20, जिला, मंडल, महानगर, तथा उद्योगों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। चेयरमैन के मुताबिक आरडीएसएस योजना के तहत 15,734.57 किलोमीटर आर्मड केबिल द्वारा एलटी लाइनों का निर्माण किया जाएगा। 117,911.76 किलोमीटर एलटी लाइन में खुले तारों के स्थान पर एबी केबिल की प्रतिस्थापना की जाएगी। 33 केवी एवं 11 केवी लाइनों में 22,906 तथा 18,081 किमी कंडक्टर की प्रतिस्थापना की जाएगी। 27,178.76 किमी कंज्यूमर आर्मर्ड सर्विस केबिल लगाई जाएगी। कृषि कार्यों के लिए विद्युत आपूर्ति हेतु 22,397.44 किमी तथा मौजूदा वितरण परिवर्तकों पर अतिरिक्त सर्किट के लिये 123,628 किमी एबी केबिल डाली जाएगी।अतिभारित पोषकों के लिए 33 केवी की 12,596.82 किमी एवं 11 केवी की 4,500.24 किमी का कार्य किया जायेगा। 31,300 रैपेस्टिर बैंक लगाये जाएंगे।

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