कई बार नए घर में भी सुखद अनुभव नहीं होता। घर का वातावरण नकारात्मक महसूस होता है। मन नहीं लगता और अजीब-सी बेचैनी होती है। अगर ऐसा है तो यह वास्तुदोष या जो पहले रहते थे उनकी ऊर्जा के कारण हो सकता है। दक्षिण मुखी घर को आमतौर पर लोग अशुभ मानते हैं, परंतु ऐसा नहीं है। यदि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर बनाया जाए तो सब ठीक होता है।
. दक्षिण दिशा की दीवार सबसे ऊंची होनी चाहिए।
2. इस दिशा में खिड़कियां नहीं होनी चाहिए या कम होनी चाहिए।
● इस दिशा के द्वार में दहलीज जरूर बनवाएं यह बहुत शुभ होता है।
3. दक्षिण मुखी द्वार पर हनुमान जी का चित्र लगाना शुभ होता है।
4. इस दिशा में बोरिंग, सेप्टिक टैंक अथवा कोई गड्ढा नहीं होना चाहिए।
5. इस दिशा में नीले, काले रंग का प्रयोग नहीं करें। लाल या क्रीम रंग अच्छा होता है।
6. आप घर के ब्रह्म स्थान में एक कांच अथवा मिट्टी के खुले मुंह के कटोरे में समुद्री नमक भरकर रात को रख दें तथा अगले दिन उसे बहते पानी में प्रवाहित कर दें। ऐसा तीन दिन तक करें। ध्यान रखें कि उस नमक को कोई व्यक्ति लांघे नहीं और वह नमक गिरे नहीं।