आर्थिक संकट से बदहाल पाकिस्तान ने अपने सहयोगी चीन से 1.3 अरब डॉलर के पुराने वाणिज्यिक ऋणों को तेजी से ट्रैक पर लाने और फंड मुहैया कराने का अनुरोध किया है। मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने चीन से कहा है कि आईएमएफ से मिलने वाले बेलआउट पैकेज की संभावना अब क्षीण पड़ गई है। IMF के रुख पर पाकिस्तान ने निराश जताई है। उसे उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष 6.5 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम को पुनर्जीवित करेगा, जिसकी मियाद 30 जून को खत्म हो रही है।
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री इशाक डार ने सोमवार को चीन मामलों के प्रभारी पेंग चंक्स्यू के साथ बैठक के दौरान मदद का अनुरोध किया।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीनी अधिकारी पहले ही पाकिस्तान को आश्वासन दे चुके हैं कि वे दोनों ऋण फिर से वापस कर देंगे,लेकिन इस्लामाबाद चाहता है कि पैसे का भुगतान होते ही उसे फिर से वापस उधार दे दिया जाए। पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने चीनी प्रभारी से ऋणों को ससमय फिर से आवंटित करने का अनुरोध किया है। चीन से दोबारा मिला ऋण पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाएगा।
बता दें कि पाकिस्तान पहले से लिए गए ऋण की अदायगी के तौर पर दो सप्ताह से भी कम समय में बैंक ऑफ चाइना को 300 मिलियन डॉलर का कर्ज चुकाने वाला है। नकदी संकट झेल रहे पाकिस्तान से तीन सप्ताह के भीतर चाइना डेवलपमेंट बैंक को भी 1 अरब डॉलर का भुगतान किए जाने की उम्मीद है। पाक चाहता है कि ये रकम उसे फिर से वापस लोन के तौर पर मिल जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार और नीचे आ सकता है।