चलिए जानते है कि रेपो रेट के स्थिर रहने का फैसला किस तरह होम लोन के ब्याज पर पड़ेगा…

चलिए जानते है कि रेपो रेट के स्थिर रहने का फैसला किस तरह होम लोन के ब्याज पर पड़ेगा…

आरबीआई के मौद्रिक नीति में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल के अंत में होम लोन की ब्याज दरें गिर सकती हैं। हालाँकि, महंगाई के स्तर पिछले कुछ महीनों से कमी आई है। आरबीआई के फैसले के बाद विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह घर खरीदारों और उधारदाताओं के लिए काफी अच्छा है।

मौजूदा समय में रेपो रेट 6.5 फीसदी है। यह दूसरी बार है जब आरबीआई ने दरों को स्थिर रखा है। होम लोन लेने वालों के लिए यह अच्छी खबर है। इस खबर के बाद होम लोन की ब्याज दरें स्थिर हो रही हैं। आरबीआई दर में कटौती के बाद लोगों को ज्यादा राहत मिलेगी।

रेपो रेट पर विशेषज्ञों की राय

केंद्रीय बैंक ने मई 2022 से रेपो दर में 250 आधार अंकों को बढ़ाया है। इस साल अप्रैल 2023 से आरबीआई ने दो बार रेपो रेट पर पॉज बटन दबाया है। रेपो रेट में स्थिरता के बावजूद होम लोन में मौजूदा ब्याज दर महंगी है। लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई के फैसले के बाद घर खरीदारों और निवेशकों को कुछ स्थिरता मिलेगा।ये ब्याज दर के उतार-चढ़ाव से जुड़ी अनिश्चितता और अस्थिरता को कम करता है। रेपो रेट के स्थिर होने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छी खबर है। ब्याज दरों में स्थिरता होम लोन लेने वालों को अधिक आकर्षित करेगी।

कई विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। उम्मीद किया जा रहा है कि इस साल अक्टूबर में नहीं वल्कि अगले साल अप्रैल में ब्यजा दरों में कटौती होना शुरू हो सकती है।

आरबीआई के गवर्नर शशिकामत दास ने कहा था कि हमें भारत की महंगाई के बदलती स्थिति पर अर्जुन की नजर बनाए रखने की जरूरत है। आरबीआई देश के विकास और महंगाई को बैंलेस करने के लिए किसी भी दर में बदलाव करता है।

रेपो रेट और ब्याज दर का क्या है कनेक्शन

होम लोन पर लगने वाला ब्याज दर रेपो रेट के आधार पर तय होता है। अगर रेपो रेट में बदलाव होता है तो बैंक लोन पर लगने वाली ईएमआई और इंटरेस्ट रेट में बदलाव करता है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आप सबसे ज्यादा इंटरेस्ट दे रहे हैं तो आपको एक बार जरूर सोचना चाहिए। आप

जब अपने होम लोन के बारे में सोचते हैं, तो आपको रेपो पर भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम के बारे में भी सोचना चाहिए। जैसे कि 8.50 प्रतिशत पर रेपो पर प्रीमियम 2 प्रतिशत है। ऐसे में अच्छे क्रेडिट के साथ और मजबूत इनकम में लोन लेने वाले कम प्रीमियम का भुगतान करते हैं। जबकि अन्य को ज्यादा भुगतान करना पड़ता है। मौजूदा समय में लोन लेने वालों को सारे इंटरेस्ट को एक साथ यानी कि प्रीपेमेंट का ऑप्शन भी मिलता है।

घर खरीदने की मांग

आरबीआई के फैसला का असर उधारदाताओं, डेवलपर्स और होमबॉयर्स को बड़ी राहत देगा। पहली बार घर खरीदने वालों को स्थिर लोन और ईएमआई के चयन की सुविधा मिलेगी। वहीं दरों में बड़ोत्तरी पर रोक से कर्ज लेने वालों में आशा की भावना पैदा होगी, जिससे घरेलू बिक्री में गति बनी रहेगी।

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