काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 15 दिवसीय नि:शुल्क योग ओरिएंटेशन कार्यक्रम कल से

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 15 दिवसीय नि:शुल्क योग ओरिएंटेशन कार्यक्रम कल से

वाराणसी। अन्तर राष्ट्रीय योग दिवस के पहले ही धर्म नगरी काशी में योग को दिनचर्या में शामिल करने के लिए अभियान शुरू हो गया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मालवीय भवन में एक नई पहल के तहत 15 दिवसीय नि:शुल्क योग कार्यशाला की शुरुआत बुधवार से होगी। नौवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के परिप्रेक्ष्य में आयोजित प्रथम योग ओरिएंटेशन कार्यशाला में योग के विभिन्न आयामों से प्रतिभागियों को परिचित कराया जाएगा।

साथ ही उन्हें आगामी कक्षाओं के लिए तैयार किया जायेगा। इस 15 दिवसीय समग्र योग कार्यशाला में हिस्सा लेने के बाद योग के नियमित प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए छात्र-छात्राएं शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक रूप से बेहतर ढंग से तैयार हो पाएंगे। मंगलवार को मालवीय भवन के मानित निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि “वैचारिक, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ समाज व राष्ट्र के लिए योग को आम जन के दैनिक जीवन का भाग बनना ज़रूरी है। इसी विचार से प्रेरित होते हुए हम ये निःशुल्क कार्यशालाएं चला रहे हैं, ताकि योग पाठ्यक्रमों से जुड़ने को लेकर लोगों की झिझक व आत्मविश्वास की कमी आदि को दूर किया जा सके, ताकि प्रशिक्षणार्थी नियमित पाठ्यक्रमों में असहजता का अनुभव न करें।”
उन्होंने कहा कि अंतर राष्ट्रीय योग दिवस को किये जाने वाले सामूहिक सामान्य योगाभ्यास को कार्यशाला के दौरान आगामी पन्द्रह दिनों में विधिवत अपनाया जायेगा। इसके साथ में मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के लिए प्राणायाम तथा ध्यान योग का भी अभ्यास कराया जायेगा। योग साधना केन्द्र, मालवीय़ भवन, द्वारा समग्र स्वास्थ्य के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संकल्पित हैं जिसके अन्तर्गत काम काजी पुरुषों एवं महिलाओं, गृहणियों, विद्यार्थियों तथा समाज के अन्य व्यक्तियों को मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला का उद्घाटन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. विजय कुमार शुक्ल करेंगे। उन्होंने बताया कि 09 मई से 23 मई तक सूर्य नमस्कार कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था, जिसे लेकर व्यापक उत्साह देखने को मिला था। इस कार्यशाला में लगभग 125 प्रशिक्षुओं तथा 15 विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया था।

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