लखनऊ। लखनऊ लखनऊ विश्वविद्यालय स्नातक और परास्नातक स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय है। जिसने अपने सभी शैक्षणिक, पाठ्यक्रम में एनईपी को लागू किया है। यह एक महत्वपूर्ण सुधार है जिसका उद्देश्य भारत में शिक्षा प्रणाली को गुणों, इक्विटी और पहुंच पर ध्यान केंद्रित करना है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) इस परिवर्तन प्रक्रिया में छात्रों की केंद्रीय भूमिका को पहचानता है। क्योंकि वे शिक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उच्च शिक्षा प्रणाली को बदलने के लिए सभी प्रमुख हितधारकों जैसे विश्वविद्यालयों, संस्थानों और कॉलेजों के कुलपतियों, निदेशकों व प्रधानाचार्यो, शिक्षको, कर्मचारियों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से छात्रों से सामूहिक भागीदारी और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस मामले को देखने और एनईपी सारथी को विश्वविद्यालय नामित करने के लिए पहली पहल की, जिसका लक्ष्य छात्रों की भागीदारी को बढ़ाना और उच्च शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इस पहल के एक भाग के रूप में, यूजीसी के अनुरोध पर डीन छात्र कल्याण के कार्यालय ने एनईपी सारथी का चयन करने के लिए एक अभियान चलाया। संस्थान के सभी विभागाध्यक्षों और निदेशकों से नामांकन आमंत्रित किए गए थे। जिनमें 40 से अधिक छात्रों के नामांकन प्राप्त हुए। जिनमें से 33 ने साक्षात्कार समूह चर्चा में भाग लिया। सत्र के लिए तीन छात्रों का चयन किया गया। जिनमें दिव्यांशी गुप्ता ( बी.एस सी चतुर्थ सेमेस्टर), प्रियांशी राय ( बी.टेक सीएसई छठा सेमेस्टर) व आशुतोष वाजपेयी ( एम.ए राजनीति विज्ञान द्वितीय सेमेस्टर) शामिल हैं।