क्या आप जानते हैं इंटरनेट के इस्तेमाल के दौरान आपके आईपी एडरेस को ट्रैक कर आप पर नजर रखी जा सकती है। साइबर अपराधी एक यूजर को फंसाने के लिए आईपी एडरेस का इस्तेमाल कर सकते हैं। बहुत से यूजर्स के जेहन में ये सवाल आ रहा होगा कि आईपी एडरेस क्या है।
इस आर्टिकल में आईपी एडरेस से जुड़ी सभी बारिकियों को जानने की कोशिश करेंगे।सबसे पहले यही समझने की कोशिश करते हैं कि आईपी एडरेस आखिर होता क्या है।
IP Address क्या होता है?
आसान भाषा में समझें तो आईपी एडरेस इंटरनेट और लोकल नेटवर्क में डिवाइस की पहचान के लिए एक यूनिक एडरेस है। आईपी एडरेस की फुल फॉर्म इंटरनेट प्रोटोकॉल होती है।
आईपी एडरेस की मदद से किसी नेटवर्क पर दो डिवाइस के बीच कम्युनिकेशन के लिए इन्फोर्मेशन भेजी और रिसीव की जाती है। इंटरनेट को अलग-अलग कम्प्यूटर और वेबसाइट की पहचान के लिए आईपी एडरेस की जरूरत होती है।
कैसे तैयार होता है IP Address?
आईपी एडरेस चार नंबर का एक सेट होता है। यह इस फॉर्मेट 191.150.1.38. में नजर आता है। आईपी एडरेस के लिए नंबर का सेट 0 से 255 के बीच होता है। यानी आईपी एडरेस 0.0.0.0 से 255.255.255.255 तक लास्ट जाता है। आईपी एडरेड एक रैंडम नंबर नहीं, बल्कि मैथ्स का इस्तेमाल कर बनाया गया एक खास नंबर होता है। यह आईएएनए (Internet Assigned Numbers Authority) द्वारा अलोट किया जाता है।
साइबर अपराधी आईपी एडरेस तक कैसे पहुंचते हैं?
साइबर अपराधी आईपी एडरेस तक पहुंचने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। साइबर अपराधी ऑनलाइन स्टॉकिंग और सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर आईपी एडरेस तक पहुंचते हैं।
सोशल इंजीनियरिंग
कई बार यूजर जब बहुत से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव रहता है और अनजान यूजर्स से बातचीत करने का आदी होता है तो ऐसा करना यूजर के आईपी एडरेस को लीक कर सकता है। साइबर अपराधी यूजर नेम की मदद से भी आई एडरेस तक अपनी पहुंच बना सकते हैं।
ऑनलाइन स्टॉकिंग
इसी तरह एक जब यूजर इंटरनेट पर अलग-अलग एक्टिविटी के साथ एक्टिव रहता है तो ऐसा करना भी उसके आईपी एडरेस को लीक करवा सकता है। खास कर वे यूजर्स जो ऑनलाइन वीडियो गेम के आदी होते हैं, उनका आईपी एडरेस जल्दी ट्रैक किया जा सकता है।
आईपी एडरेस लीक होने से क्या नुकसान?
आईपी एडरेस लीक होने का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि साइबर अपराधी आपके आईपी एडरेस का इस्तेमाल आपके नाम पर गलत काम के लिए कर सकता है। साइबर अपराधी गैरकानूनी कामों के लिए अक्सर चुराए हुए आईपी एडरेस का ही इस्तेमाल करते हैं।
आईपी एडरेस को प्रोटेक्ट कैसे किया जा सकता है?
आईपी एडरेस को साइबर अपराधियों की नजर से बचाने के लिए इसे छुपाया जाना जरूरी है। आईपी एडरेस हाइड होने से यूजर की पर्सनल जानकारियां और ऑनलाइन आइडेंटिटी एक तरह से छुपी रहती है। आईपी एडरेस छुपाने के लिए ही प्रोक्सी सर्वर का इस्तेमाल काम में आता है।इंटरनेट का इस्तेमाल करने के दौरान इंटरनेट को यूजर के आईपी एडरेस की जगह प्रोक्सी सर्वर का आईपी एडरेस नजर आता है। इसी तरह यूजर वीपीएन (virtual private network) का इस्तेमाल कर आईपी एडरेस को सुरक्षित रख सकता है।