केशव का भाजयुमो को मंत्र-जैसे निकाय में सभी सीटें जिताई, वैसे 80 सीटों पर कमल खिलाना है

केशव का भाजयुमो को मंत्र-जैसे निकाय में सभी सीटें जिताई, वैसे 80 सीटों पर कमल खिलाना है

लखनऊ। लखनऊ में आज भाजपा युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हो रही है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बैठक पांच सत्र में होनी है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है। भाजपा का भविष्य भाजयुमो है। आज भाजपा के हर दायित्वों को ये पूरा कर रहा है। उत्साह जरूर है। मुझे यह भी पता है कि जैसे नगर निगम की 17 सीटों पर जीत दर्ज की है, वैसे ही लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटों में कमल खिलाने का काम आप सभी करेंगे। 2024 का चुनाव करो या मरो का चुनाव है। भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा, उत्तर प्रदेश का माहौल ही अलग है। आज तमाम लोग भाजपा से जुड़ना चाहते हैं। 2014 और 2019 में पीएम मोदी ने शपथ ली तो देश के करोड़ों कार्यकर्ता में एक ऊर्जा प्रकट हुआ था। नौ साल पहले जो सपना शुरू हुआ था, आज वो पूरा हो रहा है। आज वो सपना सिद्ध हो चुका है। आज भव्य राम मंदिर बन रहा है। भाजपा आज देश को नई संस्कृति देने का काम कर रही है। नौ साल पहले 60 प्रतिशत गांवों में शौचालय नहीं था। आज महिलाओं को सम्मान देने का काम पीएम मोदी ने किया। आज घर-घर शौचालय है। केशव ने कहा, आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 का लक्ष्य मोदी ने बनाया है। उसे पूरा करने के लिए 24 का चुनाव सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। 2024 में केवल कमल खिलाने का सवाल नहीं है। जबकि 2047 में विश्व के सामने सबसे विकसित भारत बनाने का सवाल है। हमें लोगों को बूथ तक भाजपा के लिए ले जाने का काम करना है। केशव ने कहा, रूस और यूक्रेन के बीच में जंग चल रही थी, लेकिन भारत का एक-एक नागरिक भारत का झंडा लेकर वहां से निकल कर आ गया। उसका श्रेय सिर्फ च्ड मोदी को ही जाता है। भारत का आत्म निर्माण हो चुका है, क्योंकि आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का श्रेय भी पीएम मोदी को ही जाता है। केशव ने कहा, देश की संसद का उद्घाटन हुआ। उसमें सांसदों के बैठने की सीट बढ़ाई गई है। जब लोकसभा में सीटें बढ़ेंगी तो विधानसभा में भी सीटें बढ़ेंगी। भाजपा विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। सबसे बड़ी पार्टी है। पार्टी कार्यकर्ता के रूप में आप सभी को काम करना है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कहा, कांग्रेस की नीतियां बहुसंख्यक का अपमान करने, लज्जित करने वाली रही हैं। बहुसंख्यक समाज के लोगों ने विचार किया कि कोई उनकी बात करने वाला हो। जनसंघ के रूप में 1951 में दिल्ली में ऐसा दल आया। 1952 के चुनाव में 3 लोग निर्वाचित होकर संसद पहुंचे। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को विपक्ष का नेता माना गया। जनसंघ की तरफ से पाकिस्तान के साथ कमजोर नीति का विरोध किया गया। जो कहते देश की आजादी में जनसंघ का योगदान नहीं, तो बता दें कि हमारे पहले ही अध्यक्ष का निधन देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए ही हुआ।

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