गिग वर्कर्स की हड़ताल के बीच स्विगी और जोमैटो ने बढ़ाया डिलीवरी इंसेंटिव


नई दिल्ली, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी और जोमैटो ने डिलीवरी पार्टनर्स की हड़ताल के बीच पीक घंटों और साल के अंतिम दिनों के लिए अधिक इंसेंटिव का ऐलान किया है।

इस इंसेंटिव का ऐलान ऐसे समय पर किया गया है, जब गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों ने राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल का ऐलान किया है।

डिलीवरी वर्कर्स यूनियन ने कम भुगतान, काम करने की कठिन चुनौतियों और सामाजिक सुरक्षा के अभाव के कारण 25 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर तक हड़ताल का ऐलान किया था।

जोमैटो ने नए साल की पूर्व संध्या पर ऑर्डर की अधिकता को देखते हुए, शाम 6 बजे से रात 12 बजे के बीच व्यस्त समय में डिलीवरी पार्टनर्स को प्रति ऑर्डर 120-150 रुपए का भुगतान देने की पेशकश की है।

कंपनी ने ऑर्डर की संख्या और उपलब्धता के आधार पर दिन भर में 3,000 रुपए तक की कमाई का भी वादा किया है। अनियमित ऑर्डर प्रवाह के दौरान आय के जोखिम को कम करने के लिए प्लेटफॉर्म ने ऑर्डर अस्वीकार करने और रद्द करने पर लगने वाले जुर्माने को भी अस्थायी रूप से माफ कर दिया है।

स्विगी ने डिलीवरी कर्मचारियों को 31 दिसंबर, 2025 से 1 जनवरी, 2026 के बीच 10,000 रुपए तक की कमाई का प्रस्ताव दिया है, जिसमें नए साल की पूर्व संध्या पर शाम 6 बजे से रात 12 बजे के बीच व्यस्त समय के दौरान 2,000 रुपए तक का भुगतान शामिल है। क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो ने भी डिलीवरी पार्टनर्स के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ा दी है।

इससे पहले 25 दिसंबर, 2025 की हड़ताल के दौरान, फूड डिलीवरी सर्विसेज में कुछ समय के लिए स्थानीय स्तर पर व्यवधान की सूचना मिली थी, हालांकि प्लेटफॉर्मों ने कहा कि दिन के अंत तक परिचालन स्थिर हो गया था। यूनियनों ने व्यापक भागीदारी का दावा किया है और 31 दिसंबर, 2025 को भी आंदोलन जारी रखने का आग्रह किया है।

दोपहर 2:13 पर स्विगी का शेयर 1.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 389.40 रुपए प्रति शेयर पर था। बीते एक हफ्ते में शेयर 3.63 प्रतिशत से अधिक फिसल चुका है। इटरनल (जोमैटो) का शेयर 0.43 प्रतिशत की तेजी के साथ 278 रुपए प्रति शेयर पर था। बीते पांच दिनों में शेयर में 2.50 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

भारत में गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को नए लेबर कोड के सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020 के प्रावधानों के तहत ई-श्रम के जरिए औपचारिक कानूनी मान्यता, पोर्टेबल सोशल-सिक्योरिटी बेनिफिट्स और एक नेशनल रजिस्ट्रेशन फ्रेमवर्क का फायदा मिलता है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत, एग्रीगेटर्स को सालाना टर्नओवर का 1-2 प्रतिशत, जो गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को किए गए या देय पेमेंट के 5 प्रतिशत तक सीमित है, सोशल सिक्योरिटी फंड में देना होगा।

–आईएएनएस

एबीएस/


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