कामकाज के बढ़ते बोझ और सेहत के प्रति लापरवाही लोगों को इन दिनों कई समस्याओं का शिकार बना रही है। एड्स ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है, जिसका समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा तक साबित हो सकती है। यह गंभीर बीमारी एचआईवी वायरस के फैलने से होती है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। यह बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। ऐसे में इस बीमारी के प्रति लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के मकसद से हर साल 18 मई को वर्ल्ड एड्स वैक्सीन अवेयरनेस डे मनाया जाता है। तो इस मौके पर चलिए जानते हैं क्या है एड्स, इसका वायरस और क्या होते हैं इसके लक्षण-
एड्स (Aids) क्या है?
एड्स एक जानलेवा बीमारी है, जिसे एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। यह गंभीर बीमारी ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण फैलती है। एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को यह वायरस नुकसान पहुंचाता है, जिससे शरीर की संक्रमण और बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर हो जाती है।
एचआईवी (HIV) क्या है?
एचआईवी जिसे ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस भी कहा जाता है, शरीर में मौजूद उन कोशिकाओं पर हमला करता है, जो हमारी बॉडी को संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। ऐसे में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से संक्रमित व्यक्ति
अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के कुछ शारीरिक तरल पदार्थों जैसे असुरक्षित यौन संबंध के दौरान, इंजेक्शन आदि साझा करने के जरिए फैलता है। अगर समय रहते इस वायरस का इलाज न किया जाए, तो इससे एड्स हो सकता है।
कहां से आया एचआईवी?
एचआईवी संक्रमण मनुष्यों में सबसे पहले मध्य अफ्रीका के एक प्रकार के चिम्पांजी के जरिए आया। कुछ अध्ययनों में यह सामने आया कि 1800 के दशक के दौरान एचआईवी चिम्पांजी से मनुष्यों तक पहुंचा था। चिम्पांजी में पाए जाने वाले इस वायरस को सिमियन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस कहा जाता है। मानव द्वारा चिम्पांजियों का शिकार करने के दौरान चिम्पांजी के संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों तक पहुंचा। बाद में यह वायरस पहले अफ्रीका और फिर दुनिया के अन्य भागों में फैल गया।
एड्स के लक्षण-
- तेज बुखार
- लिम्फ ग्लैंड्स में सूजन (विशेष रूप से बगल, गर्दन और कमर की)
- थकावट
- रात में पसीना
- त्वचा के नीचे या मुंह, नाक या पलकों के अंदर काले धब्बे
- घाव, धब्बे, जननांगों या एनल में घाव
- धक्के, घाव या त्वचा पर चकत्ते होना
- दस्त
- तेजी से वजन कम होना
- तंत्रिका संबंधी समस्याएं (जैसे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, मेमोरी लॉस और भ्रम)
- चिंता और अवसाद