पीएम मोदी अगले हफ्ते जाएंगे जॉर्डन, जानें कैसा है भारत के साथ संबंध


नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते जॉर्डन की यात्रा पर जाने वाले हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने फरवरी 2018 में जॉर्डन की यात्रा की थी। भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा के तुरंत बाद फरवरी-मार्च 2018 में किंग अब्दुल्ला-द्वितीय भारत की यात्रा पर आए थे। इस साल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध बनने की 75वीं सालगिरह है।

2018 के बाद से दोनों नेताओं ने कई बार एक-दूसरे से मुलाकात की है। 2018 के बाद जून 2024 में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन, दिसंबर 2023 में दुबई में सीओपी-28 और अक्टूबर 2019 में रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव और सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में 74वें यूएनजीए में दोनों नेताओं ने मुलाकात की। इसके अलावा, पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के बाद 24 अप्रैल 2025 को दोनों नेताओं ने टेलीफोन पर बातचीत की थी।

जॉर्डन का क्षेत्रफल 89,342 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और इसकी जनसंख्या 11,506,420 है। व्यापार के दृष्टिकोण से भारत जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2023-24 में दोनों देशों के बीच 2.875 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ। भारत के लिए जॉर्डन उर्वरक, खासकर फॉस्फेट और पोटाश का एक बड़ा सप्लायर भी है।

इफको इंडिया और जॉर्डन फॉस्फेट्स माइंस कंपनी (जेपीएमसी) के बीच जॉर्डन इंडिया फर्टिलाइजर कंपनी (जोआईएफसीओ) नाम से एक संयुक्त उद्यम संचालित है। इस प्रोजेक्ट में लगभग 860 मिलियन डॉलर का निवेश किया जा रहा है। भारत के लिए फॉस्फोरिक एसिड के उत्पादन और निर्यात के लिए इस प्रोजेक्ट को बेहद खास माना जा रहा है। इसके साथ ही जॉर्डन के क्वालिफाइड इंडस्ट्रियल जोन (क्यूआईजेड) में 15 से अधिक एनआरआई-स्वामित्व वाली गारमेंट कंपनियां 500 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ काम कर रही हैं।

भारत और जॉर्डन ने 2018 में रक्षा सहयोग पर एमओयू साइन किया था। भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के 3 सदस्यीय प्रतिनिधि ने 2024 में अकाबा में स्पेशल ऑपरेशन्स फोर्सेज एग्जीबिशन एंड कॉन्फ्रेंस (एसओएफईएक्स) में हिस्सा लिया था।

वहीं, जॉर्डन रॉयल नेवी के तीन सदस्यों वाले डिफेंस डेलीगेशन ने 29 अप्रैल से 04 मई 2024 तक सदर्न नेवल कमांड कोच्चि और इंडियन नेवल एकेडमी, एझिमाला का दौरा किया था।

जॉर्डन में करीब 17,500 भारतीय लोग रहते हैं, जो ज्यादातर गारमेंट, कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्रों में और यूएन और दूसरे बहुपक्षीय संगठनों में काम करते हैं।

सांस्कृतिक संबंधों की अगर बात करें तो हाल ही में, जुलाई 2024 में, आईसीसीआर की तरफ से स्पॉन्सर्ड “नटराज सांस्कृतिक शिल्पी समाज” सांस्कृतिक समूह ने जॉर्डन के सिग्नेचर कल्चरल फेस्टिवल, ’38वें जेराश फेस्टिवल ऑफ कल्चर एंड आर्ट्स’ में असमिया लोकनृत्य का प्रदर्शन किया था।

भारत जॉर्डन से कच्चा और निर्मित उर्वरक, फॉस्फेट और पोटाश, अकार्बनिक रसायन और फॉस्फोरिक एसिड, पोटाश और फॉस्फेट आयात करता है। इसके अलावा, भारत जॉर्डन को रिफाइंड पेट्रोलियम, चावल, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, इंजीनियरिंग सामान, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन, ऑटो पार्ट्स और वाहन, और कॉफी निर्यात करता है।

—आईएएनएस

केके/डीएससी


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