हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के बढ़ते दखल को देखते हुए सरकार ने युवाओं को इस तकनीक में कुशल बनाने के लिए कसरत शुरू कर दी है। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ‘इंडिया एआई’ विजन पहले ही लांच कर चुका है। अब इसमें साथ जुड़कर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय एआई में कौशल विकास की मजबूत रूपरेखा बना रहा है।
सरकार करना चाहती है एआइ इनोवेशन ईकोसिस्टम तैयार
देशभर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) के लिए एआइ और डाटा साइंस का बेसिक पाठ्यक्रम सहित एक्शन प्लान तैयार करने के लिए सरकार ने समिति का भी गठन कर दिया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएआइ) तैयार किया जा रहा है। इसके लिए कई स्तरों पर काम चल रहा है। इसी के तहत पूरा एक्शन प्लान तैयार करने के लिए दोनों मंत्रालयों के समन्वय से नेशनल काउंसिल फार वोकेशन एजुकेशन एंड ट्रेनिंग की कार्यकारी सदस्य डा. नीना पहूजा की अध्यक्षता में 16 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। सरकार एआइ इनोवेशन ईकोसिस्टम तैयार करना चाहती है।
एआइ संबंधित पाठ्यक्रमों का आकलन करेगी समिति
समिति को जिम्मेदारी दी गई है कि एआइ में वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं का आकलन किया जाए। यह समिति नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत अभी चल रहे एआइ संबंधित पाठ्यक्रमों का आकलन करेगी। कोर एआइ योग्यता को नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क से संबद्ध करने के लिए गाइडलाइन्स तैयार की जाएगी।
समिति को दिया गया है नीति तैयार करने का जिम्मा
मालूम हो कि इससे संबंधित कौशल विकास पाठ्यक्रमों को अपग्रेड करने के लिए नीति तैयार करने का जिम्मा समिति को दिया गया है। इसमें सबसे खास बात यह है कि सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए एआइ और डाटा साइंस का बेसिक पाठ्यक्रम तैयार करने का निर्णय सरकार ने लिया है। इसके लिए सक्षम प्रशिक्षक संस्थानों को उपलब्ध कराने होंगे। ऐसे में इस चुनौती से निपटने के लिए भी पूरी रूपरेखा तैयार की जानी है।
20 जून, 2023 तक का दिया गया है समय
समिति से कहा गया है कि आवश्यकता अनुसार विशेषज्ञों को इस प्रक्रिया में शामिल कर सकते हैं, ताकि बाजार की मांग के अनुरूप एआइ क्वालिफिकेशन को चिन्हित किया जा सके। इस पर पूरा एक्शन प्लान तैयार करने के लिए समिति को 20 जून, 2023 तक का समय दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भुवनेश्वर में हुई जी-20 की बैठक में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी गंभीरता इस आर्टफिशियल इंटेलीजेंस के बढ़ते प्रभाव सहित वर्तमान और भविष्य में प्रशिक्षित मानव श्रम की उपलब्धता संबंधी चुनौतियों पर काफी मंथन किया था। इसमें भारत की स्थिति पर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने महत्वपूर्ण बिंदु साझा किए थे।