कोयला मंत्रालय ने नीलामी के 12 दौर में 133 कोयला खदानों की नीलामी की, 3.73 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार


नई दिल्ली, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय कोयला और खनिज मंत्री जी. किशन रेड्डी की ओर से लोक सभा में हाल ही में दी गई लिखित जानकारी के अनुसार, वर्ष 2025-26 के लिए पूरे भारत का कच्चे कोयले का उत्पादन लक्ष्य 1157 मिलियन टन (एमटी) है। इसमें से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का कोयला उत्पादन लक्ष्य 875 एमटी, सिंगारनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) का उत्पादन लक्ष्य 72 एमटी और कैप्टिव/व्यावसायिक/अन्य का उत्पादन लक्ष्य 210 एमटी है।

कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2029-30 तक लगभग 1.5 बिलियन टन (बीटी) का महत्वाकांक्षी घरेलू कोयला उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है।

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि केवल 5 वर्षों की ऑक्शन पॉलिसी में मंत्रालय ने नीलामी के 12 दौर में 133 कोयला खदानों की नीलामी की है, जिनकी पीक रेट क्षमता 276.04 एमटीपीए है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि जब ये 133 कोयला खदानें चालू होंगी तो अनुमानित रूप से 38,710 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व और 41,407 करोड़ रुपए का पूंजीगत निवेश होगा। इसके अलावा, 3,73,199 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड कुछ लेगेसी और नॉन-ऑपरेशनल अंडरग्राउंड माइन्स को रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल के माध्यम से पुनर्जीवित कर रहा है।

रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल के तहत, अब तक कुल 32 बंद/छोड़ दी गई माइन की पहचान की जा चुकी है। 39.28 मिलियन टन प्रति वर्ष क्षमता वाली 28 माइन के लिए स्वीकृति पत्र (एलओए) जारी किए गए हैं। 4 माइन रि-टेंडरिंग स्टेज में हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान 2 माइन बीसीसीएल का पीबी प्रोजेक्ट और ईसीएल का गोपीनाथपुर प्रोजेक्ट में कोयले का उत्पादन शुरू हो गया है।

रेवेन्यू शेयरिंग मोड में सीआईएल या इसकी सहायक कंपनी किसी बंद माइन को दोबारा खोलने, बचाने, पुनर्वास करने, विकसित करने और संचालन करने के लिए माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर (एमडीओ) को प्रस्ताव देती है ताकि कोयले की खुदाई/निकासी की जा सके और इसे सीआईएल/इसकी सहायक कंपनी को पहुंचाया जा सके। इसके बाद कोयले से प्राप्त राजस्व का एक निश्चित प्रतिशत बिडिंग के दौरान सबसे उच्च दर के आधार पर सीआईएल/इसकी सहायक कंपनी के साथ साझा किया जाता है।

–आईएएनएस

एसकेटी/


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