जो सीमाओं का सम्मान नहीं करते उनके खिलाफ भारत व अमेरिका एक साथ हैं- एरिक गार्सेटी

जो सीमाओं का सम्मान नहीं करते उनके खिलाफ भारत व अमेरिका एक साथ हैं- एरिक गार्सेटी

अमेरिका के नये राजदूत के तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपना परिचय प्रपत्र सौंपने के कुछ ही घंटों बाद एरिक गार्सेटी ने दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा और विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन से बातचीत की। जब पूरी दुनिया में भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते संबंधों पर काफी गहरी नजर रखी जा रही है तब राजदूत गार्सेटी के कार्यकाल को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गार्सेटी मानते हैं कि दोनो देशों के रिश्ते दुनिया को ज्यादा न्यायसंगत और संपन्न बनाने के लिए जरूरी है। पेश है इस साक्षात्कार के कुछ अंश-

उत्तर: भारत व अमेरिका के बीच संबंधों का मजबूत होना जरूरी है। अगर हमारे संबंध प्रगाढ़ नहीं होते हैं या नीतियों में परस्पर प्रगाढ़ता नहीं आती है या दोनो देशों की जनता के बीच बेहतर करीबी संपर्क नहीं होते हैं तो यह दुनिया के लिए नुकसान होगा। दोनो देशों के पास क्षमता है कि वो विश्व को एक न्यायसंगत, सभी के लिए समान अवसर वाला और संपन्न बना सकते हैं। यह मेरा मानना है कि अमेरिका व भारत मिल कर दुनिया को ज्यादा शांतिपूर्ण बना सकते हैं। खास तौर पर तब जब विश्व शांति को लेकर खतरा उत्पन्न होता दिख रहा है। मेरे लिए भारत और अमेरिका का रिश्ता बहुत ही आवश्यक रिश्ता है। इसमें सिर्फ राजनीतिक नहीं है बल्कि व्यक्तिगत रिश्तों का रंग भी दिखता है। मेरा उद्देश्य भी होगा दोनो देशों के बीच हर स्तर पर संपर्क को पहले के मुकाबले ज्यादा बढाया जाए।

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