दलित युवक की 'हिरासत में मौत': कर्नाटक सरकार ने सीआईडी को सौंपा केस

बेंगलुरु, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। बेंगलुरु के विवेकनगर पुलिस स्टेशन में दलित युवक की हिरासत में मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। लोगों की नाराजगी और परिजनों के गुस्से के बीच कर्नाटक सरकार ने केस क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) को सौंप दिया।
मीडिया से राज्य के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने बताया, “विवेकनगर लॉक-अप में मौत मामले में, हमने एक इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। हमने सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
मृतक की मां ने मदनायकनहल्ली पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
पीड़ित की मां आदिलक्ष्मी का आरोप है कि उनके 31 साल के बेटे दर्शन उर्फ सिंगमलाई, जो सोनेनहल्ली का रहने वाला था, की 26 नवंबर को एक पुनर्सुधार केंद्र में मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि उसे 13 नवंबर को विवेकनगर पुलिस ने हिरासत में लिया था, तीन दिनों तक “गैरकानूनी तरीके से हिरासत” में रखा और यातना दी।
इसके बाद, उसे 15 नवंबर को सुधार केंद्र में छोड़ दिया गया। पुनर्सुधार केंद्र के स्टाफ ने उन्हें 26 नवंबर को बताया कि उनके बेटे की मौत हो गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मौत पुलिस की यातना और पुनर्सुधार केंद्र के स्टाफ की लापरवाही की वजह से हुई।
विवेकनगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर और दूसरे अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
मृतक की पत्नी अश्विनी ने यह भी आरोप लगाया कि 29 नवंबर को सादे कपड़ों में पुलिसवाले उसके पास आए और उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया।
पत्नी के अनुसार, पुलिसवालों ने उसके पति को लाठियों और पाइप से पीटा और घटना को छिपाने के लिए उसे पुनर्सुधार केंद्र में शिफ्ट कर दिया।
दर्शन ने कथित तौर पर एक चर्च में हथियार दिखाकर दहशत फैलाई थी। खबर है कि दो पुलिसवाले उसके घर आए, घर के सामने उसे पीटा और उसे ले गए। उस पर केस नहीं किया गया क्योंकि वह नशे में था। परिवार ने अनुरोध किया था कि उसे पुनर्सुधार केंद्र में भर्ती कराया जाए क्योंकि वह ड्रग्स के नशे में था।
अपनी शिकायत में, आदिलक्ष्मी ने कहा कि जब वह लॉकअप में बंद अपने बेटे से मिलने गईं, तो वो चल नहीं पा रहा था।
नागरिक अधिकार समूहों का कहना है कि मामला काफी गंभीर है और परिवार को खतरा भी है। इसे देखते हुए इन्हें सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई है।
सीआईडी ने भारतीय न्याय संहिता और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) एक्ट के तहत केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
–आईएएनएस
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