कॉमनवेल्थ गेम्स ही क्यों, एशियन गेम्स और ओलंपिक के आयोजन पर भी करना चाहिए विचार : श्रेयसी सिंह

पटना, 27 नवंबर (आईएएनएस)। अहमदाबाद को 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की औपचारिक मेजबानी मिलने पर खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने कहा कि भारत का सौभाग्य है कि हमें कॉमनवेल्थ गेम्स को फिर से आयोजित करने का मौका मिला है। इस बार भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहेगा। बिहार की मंत्री होने के नाते मुझे उम्मीद है कि साल 2030 के इस आयोजन में बिहारी खिलाड़ियों की संख्या अधिक होगी।
खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया है, मुझे नहीं लगता कि किसी और राजनेता ने इस तरह का प्रोत्साहन दिया हो। उन्होंने खेलो इंडिया की शुरुआत की, फिट इंडिया के जरिए लोगों को स्वस्थ रहने के लिए व्यक्तिगत तौर पर प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा कि पहले खिलाड़ी जीतें या हारें, उन्हें मिलने के लिए नहीं बुलाया जाता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री खुद खिलाड़ियों से मिलते हैं, बातचीत करते हैं और मनोबल बढ़ाते हैं। मैं खुद जब 2024 में ओलंपिक खेलकर लौटी थी, मैं पदक नहीं जीत पाई थी, लेकिन उन्होंने मुलाकात की थी और कहा था कि आप हारी नहीं हैं बल्कि सीखकर आई हैं। इससे नई ऊर्जा का संचार होता है।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से और सरकारी योजनाओं व नीतियों के जरिए भारत ने खेलों को आगे बढ़ते हुए देखा है। इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है। 2010 में जब कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित किए गए थे तो निशानेबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा था। दुर्भाग्यवश, आयोजकों ने कुछ गड़बड़ी की थी। मैं उम्मीद करती हूं कि साल 2030 में हम बेहतर आयोजन करके दिखाएंगे और भारतीय दल का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहेगा। मुझे लगता है कि भारत में इस स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर बनने लगा है कि हम बड़े-बड़े आयोजन कर सकते हैं। सिर्फ कॉमनवेल्थ गेम्स ही क्यों, हमें एशियन गेम्स और ओलंपिक के आयोजन पर भी विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने खुद आगे बढ़कर यह इच्छा जताई है। उम्मीद है कि भारत के अलग-अलग राज्यों में अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजित किए जाएंगे।
खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने कहा कि बिहार में जिस तरह से खेलो इंडिया आयोजित हुआ है, उसी तरह बिहार अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन के लिए भी तैयार है। हाल ही में राजगीर में हॉकी वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था। बड़े खेल आयोजन होने से इंफ्रास्ट्रक्चर का रखरखाव भी होता है। अलग-अलग देशों के लोगों को भारत की सभ्यता की जानकारी मिलती है। इससे खिलाड़ियों को सीखने का भी अवसर मिलता है।
–आईएएनएस
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