लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय को मेडिसिन और इलेक्ट्रॉनिक्स समेत तमाम क्षेत्रों में लेटेस्ट रिसर्च के लिए सीयूआरई यानी स्टेट यूनिवर्सिटी रिसर्च एक्सीलेंस योजना के तहत 2.1 करोड़ रुपए का अनुदान मिला हैं। यह ग्रांट भारत सरकार के विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय के एसईआरबी यानी साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड की तरफ से दी बेमिसाल शोध प्रोजेक्ट को साकार करने के मकसद से दी गई हैं। इसके तहत लखनऊ विश्वविद्यालय के 6 फैकल्टी मेंबर्स को 30-30 लाख की धनराशि के लिए चयनित किया गया। इनमें से केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के 3 प्रोजेक्ट्स, जूलॉजी के 2 प्रोजेक्ट और स्टेटिस्टिक्स का एक प्रोजेक्ट शामिल हैं। डॉ.नीरज कुमार मिश्रा ड्रग कैंडिडेट्स के लेट-स्टेज सी-एच फंक्शनलाइजेशन पर काम करेंगे। जो औषधीय रसायनज्ञों को लेट-स्टेज ड्रग एनालॉग्स की लंबी प्रक्रिया को बायपास करने में मदद करेगा। डॉ.सुनील कुमार राय को कैंसर चिकित्सा के लिए दवाओं के संयोजन के लिए अनुदान मिला है। डॉ.प्रतिभा बंसल और डॉ.सीमा मिश्रा अधिक क्षमता वाली इलेक्ट्रो केमिकल एनर्जी कंजर्वेशन बेस्ड इक्विपमेंट (विद्युत रासायनिक ऊर्जा भंडारण उपकरणों) के निर्माण पर काम करेंगे। जूलॉजी विभाग में डॉ.आशुतोष रंजन और डॉ.आकांक्षा शर्मा को प्रवासी पक्षियों के व्यवहार पर काम करने के लिए फंड दिया गया है। सांख्यिकी विभाग के प्रो.शशि भूषण रैंक्ड सेट सैंपलिंग प्रोटोकॉल के तहत मजबूत अनुमान प्रक्रियाओं पर काम करने के लिए अनुदान मिला हैं।