राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम ‘हिंदू-मुस्लिम एकता’ का प्रतीक: बब्लू खान


अयोध्या, 25 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के अयोध्या के निवासी बब्लू खान ने मंगलवार को राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम को ‘हिंदू-मुस्लिम एकता’ का प्रतीक बताया।

बब्लू खान ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि ध्वजारोहण कार्यक्रम हम सभी लोगों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। इस त्योहार में शिरकत करने के लिए दूर-दूर से लोग शामिल हुए हैं। सभी लोगों में इस कार्यक्रम को लेकर उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। लंबे संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है। राम मंदिर को बनाने के लिए हमारे पुरखों ने बहुत संघर्ष किया। मैंने खुद राम मंदिर के लिए संघर्ष किया। आज उसी संघर्ष का नतीजा है कि हम अपने बीच में मंदिर देख पा रहे हैं।

अयोध्या निवासी बब्लू खान ने कहा कि कोई भी राष्ट्रवादी मुस्लिम राम मंदिर का विरोध नहीं कर सकता है। इस देश का हर राष्ट्रवादी मुस्लिम राम मंदिर निर्माण का पैरोकार रहा है। अगर कोई मुस्लिम राम मंदिर का विरोध करता है, तो वो राष्ट्रवादी नहीं है। ऐसे लोग सच्चे मुस्लिम नहीं हैं। मैं हमेशा से ही इस बात पर जोर देता हुआ आया हूं कि एक सच्चा और राष्ट्रवादी मुस्लिम कभी भी राम मंदिर का विरोधी नहीं हो सकता है।

उन्होंने आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि मैं हमेशा से ही इस बात की वकालत करता हुआ आया हूं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है। एक सभ्य समाज में आतंकवाद को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि बीते दिनों जांच में यह सामने आया है कि कई शिक्षित मुस्लिम आतंकवाद जैसी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए, जो कि बिल्कुल गलत है। इससे एक बात की पुष्टि हो चुकी है कि आतंकवाद का भी धर्म होता है। मैं इस देश के सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों से यही अपील करना चाहूंगा कि जो मुस्लिम आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाए, उन्हें इस देश के किसी भी क्रबिस्तान में जगह नहीं मिलनी चाहिए। ऐसे लोगों को हम अपने समाज में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद के उस दावे को भी सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें दलित होने की वजह से राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया।

अयोध्या निवासी बब्लू खान ने कहा कि राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में अनेक दलितों को निमंत्रण मिला है, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि सांसद अवधेश प्रसाद झूठ बोल रहे हैं। वो ऐसा करके सस्ती राजनीति कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में हर समुदाय के लोग शामिल हुए हैं। अवधेश प्रसाद के पास अब बहुत ही कम समय बचा है। ऐसी स्थिति में उनके लिए बेहतर रहेगा कि वो किसी भी प्रकार का झूठा बयान नहीं दें। अगर वो ऐसा करेंगे, तो वो भगवान को क्या जवाब देंगे? ऐसी स्थिति में उनके लिए बेहतर रहेगा कि वे इस संबंध में किसी भी प्रकार का झूठा बयान देने से परहेज करें।

वहीं, उन्होंने रामभद्राचार्य के बयान पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। वे पूजनीय हैं। ऐसी स्थिति में उनके संबंध में मेरी तरफ से कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा। मैं मुस्लिम समुदाय से आता हूं। मैं इस देश का राष्ट्रवादी नागरिक हूं और अपने देश हित को हमेशा से ही सर्वोच्च प्राथमिकता देता आया हूं। मैं जाति और धर्म पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकता हूं।

उन्होंने कहा कि भगवान राम जितने हिंदुओं के हैं, उतने ही हमारे (मुस्लिम) भी हैं, इसलिए आज ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मैं आया। मुझे यहां पर आकर अत्याधिक प्रसन्नता हो रही है, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। आज का कार्यक्रम हमारे लिए एक त्योहार की तरह है।

–आईएएनएस

एसएचके/डीएससी


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