वित्त वर्ष 2028 तक भारत के डेटा सेंटर ऑपरेटर्स का रेवेन्यू सालाना 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान


नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। वित्त वर्ष 2028 तक भारत के डेटा सेंटर ऑपरेटर्स का रेवेन्यू सालाना 20,000 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। यह अनुमान 20-22 प्रतिशत की मजबूत सालाना वृद्धि को दिखाता है, जो कि उद्यम और रिटेल कंज्यूमर्स के बढ़ते डिजिटल टेक्नोलॉजी और प्लेटफॉर्म इस्तेमाल से देखी जा रही है।

इस मांग को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री की क्षमता में मार्च 2028 तक 2.3-2.5 गीगावाट की दोगुनी वृद्धि होने का अनुमान है।

क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि कैपेक्स खर्च बढ़ेगा जिसके लिए साइजेबल डेट फंडिंग की जरूरत होगी।

क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हालांकि कैपिटल खर्च (कैपेक्स) बढ़ने वाला है और इसके लिए बड़ी डेट फंडिंग की जरूरत होगी, लेकिन क्रेडिट प्रोफाइल हेल्दी रहना चाहिए क्योंकि ऑपरेटिंग कैपेसिटी से स्टेबल कैश फ्लो लेवरेज को कंट्रोल में रखेगा।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ऑपरेशनल कैपेसिटी के 75-80 प्रतिशत का योगदान देने वाले डेटा सेंटर ऑपरेटर ने इसे लेकर संकेत दिए हैं।

एंटरप्राइज की ओर से पब्लिक क्लाउड को तेजी से अपनाना, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और टेक्नोलॉजिकल एडवांस्मेंट जैसे कारकों के साथ डेटा सेंटर इंडस्ट्री की ग्रोथ देखी जा रही है।

क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर आनंद कुलकर्णी ने कहा, “डेटा सेंटर ऑपरेटर्स की 20 से 22 प्रतिशत की हेल्दी रेवेन्यू ग्रोथ मजबूत इंडस्ट्री कैपेसिटी एडिशन की वजह से देखी जा रही है। मजबूत इंडस्ट्री कैपेसिटी एडिशन के मार्च 2028 तक डबल होने का अनुमान है।”

वित्त वर्ष 2026-2028 के दौरान 1.1-1.3 गीगावाट की अतिरिक्त क्षमता शुरू होने का अनुमान है। उम्मीद है कि यह समय पर टाई-अप हो जाएगा, जिसे मजबूत डिमांड और भारत की डेटा सेंटर डेंसिटी 65 मेगावाट प्रति एक्साबाइट से सपोर्ट मिलेगा।

क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर नितिन बंसल ने कहा, “बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वित्त वर्ष 2026-28 में इंडस्ट्री 55000-65000 करोड़ का कैपेक्स की जरूरत होगी । इसके लिए बड़ी डेट फंडिंग की जरूरत होगी, लेकिन ऑपरेशनल कैपेसिटी बढ़ने से ईबीआईटीडीए बढ़ने से लेवरेज 4.6-4.7 गुना पर स्थिर बना रहेगा।”

–आईएएनएस

एसकेटी/


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