हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कई कारणों से आपके पॉलिसी पोर्ट के आवेदन को खारिज कर देती हैं, जानें इसकी वजह

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कई कारणों से आपके पॉलिसी पोर्ट के आवेदन को खारिज कर देती हैं, जानें इसकी वजह

आज के समय हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करना काफी आसान हो गया है। आप चाहें तो हर साल अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करा सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी कारण हैं, जिस वजह से इंश्योरेंस कंपनी आपकी पॉलिसी को पोर्ट करने से मना कर सकती है।

पुरानी बीमारियों का जोखिम

हर पोर्ट को इंश्योरेंस कंपनी एक नई पॉलिसी के रूप में लेती है। अगर आपको पहले ही कोई गंभीर बीमारी है तो फिर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आपकी पॉलिसी को पोर्ट करने से मना कर सकती है।

क्लेम हिस्ट्री

अगर स्वास्थ्य खराब रहता है और पिछले कुछ सालों में कई बार आप क्लेम ले चुके हैं तो आपके पॉलिसी पोर्ट कराने के प्रस्ताव को हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी खारिज कर सकती है।

गलत जानकारी देना

हेल्थ इंश्योरेंस कराने वाले लोगों को लगता है कि उन्हें समय के साथ अपनी मेडिकल हिस्ट्री को अपडेट करने जरूरत नहीं है। ऐसा सोचना पूरी तरह से गलत है। आपको साल दर साल मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी कंपनी को देनी चाहिए। नहीं तो पॉलिसी पोर्ट कराने के दौरान होने वाले मेडिकल चेक-अप में कई बीमारियां सामने आ सकती हैं, जिस कारण हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आपके आवेदन को रिजेक्ट कर सकती है।

गैप और लैप्स

कई बार लोग लापवाही की वजह से पॉलिसी के रिन्यूअल आदि में देरी कर देते हैं। इस कारण से उनकी पॉलिसी में गैप और कई बार लैप्स हो जाती है, जिस वजह से कंपनी आपके पोर्ट आवेदन को खारिज कर सकती है।

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