सेबी की बड़ी तैयारी, बाजार सूचकांकों में शामिल हो सकते हैं आरईआईटी और इनविट्स

नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने शुक्रवार को कहा कि बाजार नियामक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट्स) को बड़े बाजार सूचकांकों में शामिल कर सकता है।
उन्होंने कहा कि यह कदम पूरी कैलकुलेशन के साथ चरणबद्ध तरीके से उठाया जाएगा। इससे आरईआईटी और इनविट्स में लिक्विडिटी बढ़ेगी और दृश्यता में इजाफा होगा एवं निवेशकों की रुचि बढ़ेगी।
राष्ट्रीय राजधानी में एक इवेंट में बोलते हुए पांडे ने कहा कि यह भारत के युवा आरईआईटी और इनविट्स मार्केट के लिए एक बहुत बड़ा संकेत है।
उन्होंने आगे कहा कि इन वित्तीय उपकरणों को देश की लंबी-अवधि की इन्फ्रास्ट्रक्चर जरूरतों को पूरा करने के लिए फाइनेंशियल वर्ल्ड में बड़ी भूमिका निभानी होगी।
उन्होंने आगे कहा, “भारत एशिया का चौथा सबसे बड़ा आरईआईटी मार्केट बन गया है, लेकिन इसमें गतिविधियां धीमे बनी हुई हैं। इनमें रिटेल हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है और ट्रेडिंग वॉल्यूम भी न्यूनतम स्तर पर बनी हुई है।”
देश में अक्टूबर 2025 तक कुल 24 लिस्टेड आरईआईटी और इनविट्स हैं और इनकी संयुक्त एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 9.25 लाख करोड़ रुपए था।
पांडे ने कहा कि सेबी मार्केट एक्सेस को बेहतर बनाने के लिए कई बदलावों पर विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा, “इनमें अधिक म्यूचुअल फंड को इन इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने की इजाजत देना, लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए आरईआईटी को इक्विटी मानना और न्यूनतम निवेश की जरूरतों को कम करना शामिल है, जिससे ज्यादा लोग निवेश कर सकें।”
उन्होंने कहा कि बड़ी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां मार्केट को बड़ा करने के लिए एंकर इन्वेस्टर के तौर पर काम कर सकती हैं।
सेबी चीफ ने कहा कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के अगले चरण को कैपिटल मार्केट पर अधिक निर्भर रहना होगा।
एनएबीएफआईडी के मुताबिक, देश को ऊर्जा और शहरी यातायात जैसे सेक्टर में वृद्धि को सपोर्ट करने के लिए 2047 तक 700 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी।
पांडे ने कहा कि सेबी, पब्लिक एसेट मोनेटाइजेशन में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्रालय और राज्य सरकारों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि एनएचएआईजैसी पब्लिक सेक्टर की संस्थाएं, भले ही वे लिस्टेड न हों, ज्यादा आसानी से इन्विट्स लॉन्च कर सकती हैं। आईपीओ और राइट्स इश्यूज के जरिए कैपिटल जुटाने के प्रोसेस को आसान बनाया जाएगा।
–आईएएनएस
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