'चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर खड़े हो रहे गंभीर सवाल', पूर्व सीएम हरीश रावत


हरिद्वार, 19 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्ष की करारी हार हुई है। इसके बाद वोट चोरी, एसआईआर और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से इसको लेकर एक बड़ी रैली आयोजित की जाने वाली है। इसी बीच अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आईएएनएस से बातचीत में कहा है कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़ा हुआ है। ऐसे में लोगों की आवाज को कांग्रेस उठाएगी और हमारे अध्यक्ष ने एक बड़ी रैली का आह्वान किया है। इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं।

दिल्ली में हुए ब्लास्ट में डॉक्टरों की भूमिका पर हरीश रावत ने कहा कि जो डॉक्टर जीवन देने का काम करता है, वह अब कितने कलंकित कामों में लग गया है। कितनी घृणित मानसिकता उनके मन में भर दी गई है। ऐसी मानसिकता का, कोई भी व्यक्ति भारत विरोधी है और भारत के विरोधी को कभी भी माफ नहीं किया जा सकता। नक्सली हमले और हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि नक्सली और हिंसा का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।

बता दें कि बारह राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, कांग्रेस विधायक दल के नेताओं, महासचिवों, प्रभारियों, सचिवों और वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक हुई। यह वे राज्य हैं, जहां एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है। इसकी अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को चुनाव आयोग द्वारा शुरू किए जा रहे एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर सचेत किया।

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग का मकसद लोकतंत्र और विपक्षी दलों को नष्ट करना है। दिसंबर के पहले हफ्ते में कांग्रेस एसआईआर के मुद्दे पर रामलीला मैदान में विशाल रैली करेगी।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि एसआईआर को पूरा होने में सामान्य तौर पर छह महीने से एक साल का वक्त लगता है, लेकिन इसे एक महीने में ही पूरा कर लिया जा रहा है।

–आईएएनएस

एएमटी/एबीएम


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