सैनिकों और युवाओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा


जम्मू, 20 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को पुरमंडल-उत्तरबेहनी तीर्थ सेवा न्यास के स्थापना दिवस समारोह में भाग लिया और पुरमंडल का दौरा किया। उपराज्यपाल ने पुरमंडल स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की और देविका महाआरती में भाग लिया।

मनोज सिन्हा ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “हम जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों, सैनिकों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के समर्पण और बलिदान की नींव पर आत्मनिर्भर जम्मू-कश्मीर की इमारत का निर्माण कर रहे हैं। हमें आज संकल्प लेना चाहिए कि उनकी मेहनत और बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे और उनके सपनों को साकार करेंगे।”

उपराज्यपाल ने पुरमंडल-उत्तरबेहनी को एक विश्वस्तरीय आध्यात्मिक स्थल बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

उन्होंने कहा, “पुरमंडल-उत्तरबेहनी क्षेत्र जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक विविधता और आस्था का प्रतीक है। यह आत्म-शुद्धि और आत्म-साक्षात्कार का पवित्र स्थल है, जहां प्रेम, सम्मान और भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है।”

इस दौरान उन्होंने पुरमंडल-उत्तरबेहनी तीर्थ सेवा ट्रस्ट द्वारा उठाई गई मांगों पर विचार करते हुए प्रशासन से समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।

उपराज्यपाल ने कहा कि क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए सभी संबंधित विभाग सक्रिय रूप से काम करेंगे।

उन्होंने सांबा जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वे एक नए वेद विद्यालय के लिए सरकारी भूमि की पहचान करें और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड से इसकी स्थापना के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की भी बात कही। इसके अलावा, पुरमंडल को 4-लेन सड़क से जोड़ने के लिए भारत सरकार से समर्थन प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि पिछले 4 वर्षों में 62 प्राचीन धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया गया है।

उन्होंने इस अवसर पर सामाजिक संगठनों और समाज के सभी वर्गों से प्राकृतिक विरासत की रक्षा में सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में सांसद जुगल किशोर शर्मा, विधायक डॉ. देविंदर कुमार मन्याल और कई अन्य धार्मिक और सामाजिक प्रमुख उपस्थित थे।

–आईएएनएस

एसएके/पीएके


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