इंटरपोल की मदद से हसीना को वापस ला पाएगी यूनुस सरकार? जानें प्रत्यर्पण संधि


नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को उनकी गैरमौजूदगी में इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने मौत की सजा सुनाई। हसीना बांग्लादेश छोड़ने के बाद से भारत में ही मौजूद हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर उनको वापस कैसे लाया जाए।

आइए जानते हैं कि इंटरपोल के तहत बांग्लादेश हसीना को भारत से ला सकता है या नहीं। यह भी जानेंगे कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत क्या भारत ऐसा करने के लिए बाध्य होगा।

हालांकि, हसीना के लिए सजा के ऐलान के बाद ही यूनुस सरकार की तरफ से भारत को संपर्क किया गया। इस बीच चर्चा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इंटरपोल की मदद से हसीना को भारत से वापस लाएगी।

बता दें, इंटरपोल का मतलब इंटरनेशनल आपराधिक पुलिस संगठन है, जिसकी मदद से यूनुस सरकार हसीना को भारत से प्रत्यर्पित कराने की तैयारी कर रही है। बांग्लादेशी मीडिया में चर्चा है कि शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री को लाने के लिए ट्रिब्यूनल के गिरफ्तारी वारंट के साथ इंटरपोल रेड नोटिस का अनुरोध करने की योजना है। इसके लिए पहले से ही आवेदन जमा कर दिया गया है। अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने इसकी जानकारी दी।

हसीना के सजा के ऐलान के बाद भारत ने कहा कि वह बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध है और सभी हितधारकों के साथ हमेशा रचनात्मक रूप से जुड़ा रहेगा। वहीं, भारत ने बांग्लादेश के औपचारिक लेटर का भी सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया है। बांग्लादेशी मीडिया यह भी दावा कर रहा है कि पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल भी भारत में ही मौजूद हैं। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 में एक प्रत्यर्पण संधि हुई थी, जिसके तहत दोनों देशों को दोषी ठहराए गए भगोड़ों को सौंपने की अनुमति है। हालांकि, राजनीतिक मामलों में इस संधि को कोई लेना-देना नहीं है। इसका मतलब यह है कि भारत हसीना के प्रत्यार्पण के लिए बाध्य नहीं है। अगर भारत चाहे तो हसीना को औपचारिक तौर पर भेजने से मना भी कर सकता है।

–आईएएनएस

केके/एबीएम


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