उत्तर प्रदेश का चमत्कारी मंदिर, जहां अपने आप बदल जाता है शिवलिंग का रंग

अलीगढ़, 17 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी अनोखी कहानियों और रहस्यमय अनुभवों की वजह से जाने जाते हैं। ऐसा ही एक प्रसिद्ध और चमत्कारी मंदिर है अचलेश्वर महादेव मंदिर, जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर के बीचों-बीच स्थित है। यहां विराजमान शिवलिंग साधारण नहीं, बल्कि अद्भुत है।
इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पांडवों के अज्ञातवास के दौरान नकुल और सहदेव ने अचल सरोवर में स्नान किया और भगवान अचलेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना की। यही कारण है कि यह मंदिर भक्तों के लिए खास महत्व रखता है।
मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण यहां का शिवलिंग है। इसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है, क्योंकि यह हर 24 घंटे में दो या तीन बार अपना रंग बदलता है। कभी यह काले रंग में दिखाई देता है, तो कभी गेरुआ रंग में। वैज्ञानिक अभी तक इस रहस्य को समझ नहीं पाए हैं, लेकिन भक्त इसे भगवान शिव की लीला मानते हैं। इसे देखने का अनुभव बेहद दिव्य और अद्भुत माना जाता है।
मान्यता है कि करीब 500 साल पहले सिंधिया राजघराने की महारानी को एक सपना आया। सपने में उन्हें अचल सरोवर के पास जमीन के भीतर दबा हुआ शिवलिंग दिखाई दिया। उन्होंने तुरंत खुदाई करने का आदेश दिया। जब मजदूरों ने खुदाई शुरू की, तो शिवलिंग पर फावड़ा लगते ही खून और दूध की धारा बह निकली। इसे देखकर सब लोग आश्चर्यचकित रह गए और इसे भगवान की इच्छा मानकर विधिपूर्वक शिवलिंग की स्थापना की गई।
आज यह मंदिर न सिर्फ अलीगढ़ बल्कि आसपास के इलाकों के लोगों के लिए भी आस्था का केंद्र बन गया है। यहां हर साल हजारों भक्त आते हैं, दर्शन करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। अचलेश्वर महादेव मंदिर की यह अनोखी कहानी और शिवलिंग का रंग बदलना इसे और भी रहस्यमय और आकर्षक बनाता है।
यह मंदिर अपने इतिहास, रहस्यों और चमत्कारिक अनुभवों की वजह से अलीगढ़ का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर भक्त भगवान शिव के प्रति विश्वास और भक्ति का अनुभव करता है।
–आईएएनएस
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