श्रीलंकाई नौसेना ने 14 मछुआरों को किया गिरफ्तार, नाव में आई तकनीकी खराबी बनी वजह

चेन्नई, 10 नवंबर (आईएएनएस)। पॉक जलसंधि में एक बार फिर सीमा उल्लंघन का मामला सामने आया है, जहां तमिलनाडु के 14 भारतीय मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार करने के आरोप में सोमवार तड़के श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों के अनुसार, ये मछुआरे शनिवार शाम (8 नवंबर) को मयिलादुथुरै जिले के थरंगाम्बाड़ी से समुद्र में उतरे थे। वानागिरी पंजीकरण वाली मैकेनाइज्ड बोट से निकले ये मछुआरे सामान्य मछली पकड़ने के लिए गए थे।
समुद्र में बीच रास्ते में उनके पोत में तकनीकी खराबी आ गई। खराबी को सुधारने के प्रयास में नाव रास्ता भटककर श्रीलंकाई जल सीमा में प्वाइंट पेड्रो के पास पहुंच गई। इसी दौरान गश्त कर रही श्रीलंकाई नौसेना ने नाव को रोका और 14 सदस्यीय चालक दल को हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें उत्तरी श्रीलंका के कंकसनथुरै नौसैनिक अड्डे ले जाया गया, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
मयिलादुथुरै और नागपट्टिनम के मछुआरा संगठनों ने घटना पर गहरी चिंता जताई है। संगठनों ने दोनों देशों की सरकारों से मछुआरों की शीघ्र रिहाई की मांग की है।
तमिलनाडु मैकेनाइज्ड बोट फिशरमेन एसोसिएशन के नेता के. मुथु ने कहा, “इन मछुआरों ने जानबूझकर सीमा नहीं लांघी। तकनीकी खराबी के चलते नाव बहकर श्रीलंकाई सीमा में पहुंच गई।” उन्होंने भारत सरकार से कोलंबो के साथ राजनयिक स्तर पर हस्तक्षेप कर मछुआरों को जल्द रिहा कराने की अपील की।
तमिलनाडु के मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा लंबे समय से भारत-श्रीलंका संबंधों में तनाव का कारण रहा है। कई दौर की बातचीत के बावजूद, विशेषकर पीक फिशिंग सीजन में, ऐसे मामले समय-समय पर सामने आते रहते हैं।
उधर, तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग को घटना की जानकारी दे दी है। गिरफ्तार मछुआरों की पहचान की पुष्टि और श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ समन्वय के प्रयास जारी हैं। राज्य सरकार जल्द ही केंद्र के विदेश मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट भेजकर मानवीय आधार पर हस्तक्षेप का अनुरोध करेगी।
–आईएएनएस
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