वंदे मातरम का विरोध करना अभिव्यक्ति की आजादी: उदित राज

नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर शुक्रवार को देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता उदित राज ने मुस्लिम समुदाय की ओर से वंदे मातरम के विरोध को उनकी अभिव्यक्ति की आजादी करार दिया।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय संविधान में सभी को अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान की गई है, जिसके तहत वो लोग खुलकर अपनी बात रख सकते हैं, लेकिन जिस तरह से कुछ लोग इसे राष्ट्र से जोड़ देते हैं, वह उचित नहीं है। हमारा राष्ट्र कोई मोम का खंभा नहीं है, जो टूट जाएगा।
कांग्रेस नेता उदित राज ने देश की विभिन्नता को रेखांकित करते हुए कहा कि निसंदेह हमारे यहां पर विभिन्न प्रकार की विचारधाराएं और परंपराएं हैं। मैं समझता हूं कि हमें इसका स्वागत करना चाहिए। यह अच्छी चीज है। ऐसा होने से राष्ट्र की अस्मिता मजबूत होती है। हमारा राष्ट्र मजबूत होता है, लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ वर्षों में इस विभिन्नता का विरोध करने का चलन बढ़ गया है। मैं समझता हूं कि यह विरोध केंद्र सरकार की परंपरा का हिस्सा है, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें विभिन्नता की ताकत को समझना होगा। जब अमेरिका और वियतनाम के बीच लड़ाई हो रही थी, तो उस वक्त अमेरिका के लोग ही अपनी अमेरिकी सरकार से लड़ रहे थे।
उन दिनों में अमेरिकी यूनिवर्सिटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। यहां तक कि उन दिनों यूनिवर्सिटी में अमेरिकी झंडे भी जला दिए जाते थे। हमें यह सब कुछ अतीत के आईने में देखने को मिल चुका है।
उन्होंने कहा कि इतिहास खुद इस बात की तस्दीक करता है कि अमेरिका में इतने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ, लेकिन वहां पर अमेरिकियों को कभी-भी राष्ट्र विरोधी नहीं कहा गया है, क्योंकि वे अभिव्यक्ति की आजादी की ताकत को समझते हैं। वे इस बात को जानते हैं कि हमारा देश तभी प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकता है, जब हम अपने लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी देंगे और इसका नतीजा हम देख पा रहे हैं कि आज वे कितने आगे हैं।
–आईएएनएस
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