दिल्ली से वृंदावन तक सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुक्रवार को होगी शुरू: आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री


नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। सनातन धर्म की एकजुटता का संदेश लेकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0’ 7 नवंबर से शुरू हो रही है, जो 16 नवंबर तक चलेगी। एक महायात्रा दिल्ली से वृंदावन तक रवाना होगी।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह 145 किलोमीटर लंबी यात्रा राष्ट्रगान और हनुमान चालीसा के उद्घोष के साथ प्रारंभ होगी और प्रतिदिन सात शपथों के साथ आगे बढ़ेगी। उनकी यह यात्रा किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। यह ईसाई और मुस्लिम के खिलाफ नहीं है, बल्कि हिंदुओं को जगाने के लिए है।”

उन्होंने कहा कि यह हिंदुओं की अगली पीढ़ी को बचाने के लिए है ताकि वे मुस्लिम न बनें। हम जातिवाद में न बंटें। जातिवाद से ऊपर यह राष्ट्रवाद की यात्रा है। कुछ लोग तिरंगे पर चांद चाहते हैं। हम चांद पर भारत को चाहते हैं। हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना तभी पूर्ण होगी, जब आम जनमानस से यह आवाज आए।

आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ये हिंदुओं की यात्रा है। इसमें किसी भी पार्टी का कोई भी शामिल हो सकता है जो आएगा उसका स्वागत रहेगा। यह यात्रा हिंदू समाज में व्याप्त जाति भेदभाव, छुआछूत और सामाजिक विभाजन को मिटाने के लिए है। यह यात्रा सनातन धर्म की रक्षा और हिंदू एकता का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मशाला नहीं है। यह उन लोगों को रहने का अधिकार नहीं है जो देश के बाहर के हैं। मेरा मानना है कि सरकार इन लोगों को खोजे और देश से निकालने का काम करे। हमारा मानना है कि जो इस देश के नहीं हैं, उनको यहां रहने का अधिकार नहीं है।

नेपाल की स्थिति पर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भारत में नेपाल जैसी स्थिति न हो। इसके बारे में जनता को सोचना चाहिए, हम लोगों को जागरूक होने की बहुत जरूरत है। भारत इससे पीछे जा सकता है।

भारत में गृहयुद्ध और दंगा न हो इसके बारे में लोगों को जागरूक करना होगा। बागेश्वर धाम में अब तक 40,000 प्रतिभागियों से अधिक का पंजीकरण हो चुका है, जो पूरे भारत के हर कोने से, हर गली से आ रहे हैं।

आचार्य शास्त्री ने कहा, “इस देश में 80 करोड़ हिंदू रहते हैं। हम हर गांव और हर गली तक पहुंचकर उन सभी हिंदुओं के लिए लड़ रहे हैं। हमारा एकमात्र उद्देश्य हिंदू एकता, सनातन एकता सुनिश्चित करना है।

–आईएएनएस

एसएके/वीसी


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