इन रोजगारपरक पाठ्यक्रमों से छात्र-छात्राएं संवार सकते हैं अपना भविष्य, दाखिला शुरु

इन रोजगारपरक पाठ्यक्रमों से छात्र-छात्राएं संवार सकते हैं अपना भविष्य, दाखिला शुरु

कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में स्कूल ऑफ आर्टस् और ह्यूमिनिटीज एण्ड सोशल साइंसेज कोर्स के लिए दाखिला शुरू हो चुका है। छात्र-छात्राएं इसमें दाखिला लेकर अपना भविष्य बनाएं। विश्वविद्यालय में पन्द्रह ऐसे कोर्स शुरू किए गए हैं, जिसमें छात्र-छात्राएं अपने रूचिकर विषयों का अध्ययन करके अपना भविष्य संवार सकते हैं। यह जानकारी शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने दी।

ये कोर्स है संचालित

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान स्कूल समाज कार्य, समाज-शास्त्र, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, हिन्दू-अध्ययन, रूरल मैनेजमेंट एण्ड एक्सटेंशन, दर्शनशास्त्र, पब्लिक पालिसी, रिसर्च में स्नातक, परास्नातक और पी.एच.डी. स्तर के कोर्स संचालित करता है।

रूरल मैनेजमेंट की फील्ड में भी अच्छे अवसर

उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास में योगदान के साथ ही अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो आपके लिए रूरल मैनेजमेंट की फील्ड बेहतरीन साबित हो सकती है। हमारे देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, जब गावों में इतनी ज्यादा संख्या में लोग रहते हैं तो यहां कॅरियर की कई बेहतरीन संभावनाएं भी उपलब्ध है। जीडीपी में ग्रामीण क्षेत्रों का 50 प्रतिशत योगदान है। वर्ष 2000 के बाद से ग्रामीण भारत की विकास दर 6.2 प्रतिशत रही है,जबकि शहरी इलाकों की विकास दर सिर्फ 4.2 प्रतिशत ही रही। इस विकास दर को देखा जाए तो ग्रामीण भारत तेजी से विकास कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की भारी मांग है। रूरल मैनेजमेंट में न सिर्फ बेहतरीन पैकेज दिया जा रहा है, बल्कि रोजगार की अपार संभावनाओं के चलते युवा इस कॅरियर में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सहायक

प्रो.पाठक ने बताया कि गांव के विकास के लिए रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की जरूरत पड़ती है। इसके अंतर्गत ग्रामीण विकास के कार्यक्रमों को सही ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की होती है। गांवों से शहरों की तरफ लगातार हो रहे पलायन की वजह से ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था में बदलाव आ रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं उपलब्ध कराने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में वैज्ञानिक तरीके से योगदान देना एक रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल का काम होता है।

मैजनेजमेंट से संबंधित कोर्सेस को हॉट जॉब

प्रो. पाठक ने बताया कि मैनेजमेंट से संबंधित कोर्सेस को हॉट जॉब कोर्सेस में से एक माना जाता है। एनजीओ मैनेजमेंट कोर्स में छात्र एनजीओ की मैनेजमेंट के बारे में विस्तार में सीखते हैं। हर मैनेजमेंट कोर्स की तरह ही इस कोर्स का अपना महत्व है। सोशल वर्क में दिलचस्पी रखने के साथ मैनेजमेंट क्षेत्र में भविष्य बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए ये कोर्स एक अच्छा ऑप्शन है। उन्होंने बताया कि अर्थशास्त्र,समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र का अध्ययन होता है। इसके साथ ही बी.ए. आनर्स (मनोविज्ञान), एम.ए. (मनोविज्ञान)स्नातक, मास्टर इन रूरल मैनेजमेंट एंड एक्सटेंशन, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउसंलिंग, समाजिक विज्ञान या प्रबंधन मे स्नातक,पोस्ट मास्टर डिप्लोमा इन एन.जी.ओ. मैनेजमेंट,बैचलर इन सोशल-वर्क,मास्टर इन सोशल-वर्क,बी.ए. आनर्स (समाजशास्त्र) अन्य कुल पन्द्रह विषय है। जिसमें छात्र शिक्षा ग्रहण करके अपना भविष्य संवार सकते हैं।

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