लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जनपद महाराजगंज में स्थित बौद्ध तीर्थ स्थल रामग्राम में पर्यटन विकास की परियोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। रामग्राम में 827.43 लाख की धनराशि से पर्यटकों की सुविधा के लिए गेस्ट हाउस, हाल, लैण्ड स्केपिंग, घाट का निर्माण तथा सोलर लाइट का कार्य किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार बौद्ध स्थल रामग्राम एक अति प्राचीन एवं प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल है, जिसे भगवान बुद्ध के ननिहाल के रूप में जाना जाता है। रामग्राम में प्राप्त अवशेषों से यह ज्ञात हुआ है कि यह स्थल कुषाणकाल से लेकर गुप्तकाल खण्ड का है। रामग्राम स्थित धातु चैत्य भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष पर बना है।
बौद्ध ग्रन्थों के अनुसार जब गौतम बुद्ध को कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त हुआ तो विभिन्न जनपदों के राजा उनकी अस्थियों को लेने के लिए पहुंचे। वहां संघर्ष की स्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए प्रबुद्धजनों की राय से उनकी अस्थियों को आठ भागों में विभक्त किया गया। अस्थि का एक हिस्सा तत्कालीन कोलिय वंश के राजा महाकाल भी लेकर आये और अस्थियों पर स्तूप बनवा दिया। बाद में कुषाण व गुप्त कालखण्ड ने इसे विस्तृत रूप दिया। बौद्ध ग्रन्थों के मुताबिक सम्राट अशोक भी इस स्तूप का दर्शन करने के लिए आए थे। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर यहां अत्यधिक संख्या में लोग आते हैं।