नई कहानी आंदोलन के साहित्यकार शैलेश मटियानी को याद किया

नई कहानी आंदोलन के साहित्यकार शैलेश मटियानी को याद किया

लखनऊ। मुनाल संस्था की ओर से नयी कहानी आंदोलन के दौर कहानीकार शैलेश मटियानी को याद किया गया। मुनाल बुद्ध बसंती सभागार में साहित्यकार शैलेश मटियानी पर चर्चा हुई लोक कलाकार विक्रम विष्ट ने कहा शैलेश मटियानी का जन्म 14 अक्टूबर 1931 को उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना गांव में हुवा था। उनका मूल नाम रमेश सिंह मटियानी था बारह वर्ष की आयु में उनके माता पिता का देहान्त हो गया था। तब वह पांचवीं कक्षा में पढ़ते थे इसलिए उनका चाचा लोगों के संरक्षण हुआ। निरंतर विद्यालय में व्यवधान पड़ता रहा और पढ़ाई रुक गयी इस बीच उन्हें बूचड़ खाने में काम करना पड़ा पांच साल बाद 17 वर्ष की आयु में उन्होंने फिर से पढ़ना शुरू किया समाजसेवी देवी श्री पवार ने कहा कि 1950 से ही उन्होंने कविता और कहानियां लिखना शुरू कर दिया शुरू में वह रमेश मटियानी शैलेश नाम से लिखते थे। उनकी अंतरिम कहानियां रंग महल और अमर कहानी पत्रिका में प्रकाशित हुई।

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