यहां पर नाड़ी पकड़ कर वैद्य करते हैं मरीजों का इलाज

यहां पर नाड़ी पकड़ कर वैद्य करते हैं मरीजों का इलाज

वाराणसी. पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के सर सुंदरलाल अस्पताल में सैकड़ो साल पुरानी पद्धति से मरीजों का इलाज हो रहा है. यहां ने तो कोई अल्ट्रासाउंड कराया जाता है और न ही कोई ब्लड टेस्ट। डॉक्टर जो कि यहां पर वैद्य के नाम से प्रसिद्ध है नाड़ी के जरिए बीमारियों की पहचान कर आयुर्वेद पद्धति से मरीजों का उपचार कर रहे है.अस्पताल में वैद्य तकनीक से डॉक्टर मरीजों के बीमारियों की पहचान कर उनका उपचार कर रहे है. बीएचयू (BHU) में दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक ये स्पेशल ओपीडी चलाई जा रही है. शरीर रचना एवं क्रिया सिद्धांत और संहिता विभाग के डॉक्टर मिलकर इस स्पेशल ओपीडी को चलाते हैं. खास बात ये भी है कि यहां इलाज करने वाले डॉक्टर नहीं बल्कि वैद्य नाम से जाने जाते हैं. बकायदा बोर्ड पर उनके नाम के आगे वैद्य लिखा हुआ भी है.

बढ़ रहा लोगों का भरोसा

आयुर्वेद संकाय के प्रोफेसर सुशील कुमार वैद्य ने बताया कि वैद्य शब्द के प्रयोग से मॉडर्न साइंस और आयुर्वेद की पुरानी पद्धति में अंतर नजर आता है. हम यहां सैकड़ों साल पुरानी पद्धति से यहां मरीजों का इलाज कर रहे हैं और फरवरी से शुरू इस स्पेशल ओपीडी में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हर दिन यहां करीब 500 पेशेंट आ रहे हैं. हम वैद्य यहां नारी परीक्षण के जरिए मरीजों की बीमारियों की पहचान कर उनका इलाज करते हैं. खास बात ये भी है कि इस पद्धति पर अब लोगों का भरोसा भी बढ़ रहा है क्योंकि यहां आने वाले काफी मरीजों को इस पद्धति से आराम भी मिला है. प्रोफेसर वैद्य ने बताया कि कोरोना के समय मे भी लोग आयुर्वेद की ओर बढ़े थे और आयुर्वेद की ताकत को पूरी दुनिया ने पहचाना और माना भी. उसी को आगे बढ़ाने के लिए अब ये स्पेशल ओपीडी भी चलाई जा रही है.

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