भारत में पहली बार सरकार ने जल निकायों की गणना की है। इस गणना से भारत के जल संसाधनों की एक व्यापक सूची तैयार हुई है, जिसमें प्राकृतिक और मानव निर्मित जल निकाय जैसे तालाब, टैंक, झील और बहुत कुछ शामिल हैं। इस गणना के जरिए जल निकायों के अतिक्रमण पर डेटा एकत्र किया गया।
जल निकायों की गणना ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच असमानताओं और अतिक्रमण के विभिन्न स्तरों पर प्रकाश डाला और देश के जल संसाधनों में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि का खुलासा किया।
24 लाख से अधिक जल निकायों की गणना
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा देश में लगभग 24 लाख 24 हजार 540 जल निकायों की गणना की गई है, जिनमें से 97.1 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और केवल 2.9 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में हैं। जल निकायों की संख्या के मामले में शीर्ष पांच राज्य पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और असम हैं, जो देश के कुल जल निकायों का लगभग 63 प्रतिशत हैं।
शहरी क्षेत्रों में जल निकायों की संख्या के मामले में शीर्ष पांच राज्य पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में, शीर्ष पांच राज्य पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और असम हैं।
जल निकायों में 59 प्रतिशत तालाब
59.5 प्रतिशत जल निकाय तालाब हैं। इसके बाद टैंक (15.7 प्रतिशत), जलाशय (12.1 प्रतिशत), जल संरक्षण योजनाएं / रिसाव टैंक / चेक डैम (9.3 प्रतिशत), झीलें (0.9 प्रतिशत) और अन्य (2.5 प्रतिशत) हैं। यह पाया गया कि 55.2 प्रतिशत जल निकाय निजी संस्थाओं के स्वामित्व में हैं जबकि 44.8 प्रतिशत जल निकाय सार्वजनिक स्वामित्व के क्षेत्र में हैं।