अक्षय तृतीया के मौके पर राजधानी दिल्ली में सोने के आभूषणों की खरीदारी से चमक उठा सर्राफा बाजार…

अक्षय तृतीया के मौके पर राजधानी दिल्ली में सोने के आभूषणों की खरीदारी से चमक उठा सर्राफा बाजार…

अक्षय तृतीया के मौके पर राजधानी दिल्ली में सोने के आभूषणों की खरीदारी से सर्राफा बाजार चमक उठा है। अनुमान जताया जा रहा है कि एक ही दिन में करीब 250 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। हालांकि, कारोबारियों का मानना है कि यह बीते वर्ष की तुलना में कम रहा है। बीते वर्ष के मुकाबले कीमतों में करीब 10 हजार रुपये से अधिक की तेजी देखी गई है। जो लोग अक्षय तृतीया पर आभूषण और सिक्का खरीदना शुभ मानते हैं, उन्होंने सीमित अनुपात में खरीदारी की है।

दिल्ली में ज्वेलरी और सोने की होलसेल एवं खुदरा बिक्री की करीब 10 हजार दुकानें हैं। इनमें चांदनी चौक का कूचा महाजनी सबसे बड़ा बाजार है। इसके बाद लाजपत नगर, करोल बाग और अन्य बाजार हैं। शनिवार को कूचा महाजनी और अन्य बाजारों में ज्वेलरी की दुकानों पर सुबह से ही ग्राहक जुटने शुरू हो गए। इनमें हल्की ज्वेलरी को पसंद करने वाले ग्राहकों की संख्या सबसे ज्यादा रही।

कारोबारियों का कहना है कि नए डिजाइन वाली ज्वेलरी को ज्यादा पसंद किया। इसका बड़ा कारण यह है कि अब लोग ऐसी ज्वेलरी को खरीदना चाहते हैं जो बजट में हो। जबकि इससे पहले लोग ज्वेलरी के साथ सोने के सिक्के, गिन्नी को एक निवेश के तौर पर भी खरीदते थे।

हर साल खरीदारी को लेकर लोगों को ट्रेंड बदल रहा है। लोग अपनी जरूरत के अनुसार त्योहार के मौके पर खरीदारी का विकल्प तलाश लेते हैं। इस बार भी लोगों ने हल्के आभूषण की खरीदारी कर अपनी जरूरत को पूरा किया है।

वहीं, एनसीआर के शहरों के प्रमुख बाजारों में भी खरीदारों की भीड़ रही। गुरुग्राम के सर्राफा बाजार में भी 100 करोड़ से अधिक के कारोबार का अनुमान लगाया गया है। फरीदाबाद में भी कुछ ऐसा ही हाल रहा।

कीमतों में तेजी का रहा असर

दी बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल का कहना है कि बीते वर्ष अक्षय तृतीया पर 24 कैरेट सोने की कीमत 51 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो इस बार 62 हजार रुपये पहुंच गई है। इससे कारोबार पर असर जरूर पड़ा। बीते वर्ष करीब 400 से 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था लेकिन इस बार कारोबार 250 करोड़ रुपये के आसपास रहा है।

इस बार खरीदारी का ट्रेंड बदला

दरीबा ज्वेलर्स एसोसिएशन के प्रधान तरुण गुप्ता का कहना है कि ग्राहक जरूर बीते वर्ष की तुलना में कम रहे, लेकिन सिक्कों के साथ इस बार ज्वेलरी खरीदने वाले भी काफी देखे गए। जबकि अक्सर देखा गया है कि अक्षय तृतीया पर शुद्ध सोना, सोने के सिक्कों की खरीब सबसे ज्यादा होती है।

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