उपराष्ट्रपति ने वैज्ञानिक नवाचार की सराहना की, क्वांटम कंप्यूटिंग और जैव प्रौद्योगिकी पर जोर


नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को संसद भवन में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह और मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें वैज्ञानिक अनुसंधान, नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास, और पर्यावरणीय अध्ययनों से संबंधित मंत्रालयों की प्रमुख पहलों और उपलब्धियों की जानकारी दी गई।

उपराष्ट्रपति ने भारत के नवाचार-संचालित वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और अग्रणी प्रौद्योगिकियों में प्रगति के लिए मंत्रालयों की सराहना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि बैठक में वैज्ञानिक अनुसंधान, क्वांटम कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, जैव प्रौद्योगिकी, मौसम संबंधी सेवाएं, जलवायु और महासागर अध्ययन, और आपदा जोखिम न्यूनीकरण जैसे क्षेत्रों में मंत्रालयों के कार्यों पर चर्चा हुई।

उन्होंने वैश्विक नवाचार सूचकांक 2025 में भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार पर प्रसन्नता जताई, जहां भारत 2014 में 81वें स्थान से 2025 में 38वें स्थान पर पहुंच गया है। यह प्रगति पेटेंट, वैज्ञानिक प्रकाशनों और प्रौद्योगिकी-आधारित विकास में वृद्धि को दर्शाती है।

उपराष्ट्रपति ने वैक्सीन विकास, भारतजेनएआई लार्ज लैंग्वेज मॉडल और क्वांटम कंप्यूटिंग में भारत की उपलब्धियों की प्रशंसा की। उन्होंने नैतिक जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देने, युवाओं को वैज्ञानिक करियर के लिए प्रेरित करने और उद्योगों के साथ सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

मौसम पूर्वानुमान में हो रहे सुधारों और भारत की नीली अर्थव्यवस्था की विशाल संभावनाओं का उल्लेख करते हुए, उन्होंने वैश्विक साझेदारियों को मजबूत करने का आह्वान किया ताकि भारत वैज्ञानिक प्रगति में अग्रणी बना रहे।

मुलाकात के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने उपराष्ट्रपति को मंत्रालयों की योजनाओं और चल रहे कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। इसमें डीप ओशन मिशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अनुसंधान, और हरित प्रौद्योगिकी परियोजनाएं शामिल थीं। उपराष्ट्रपति ने इन प्रयासों को ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने विशेष रूप से युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहन देने और स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल माहौल बनाने की मंत्रालय की रणनीति की सराहना की।

–आईएएनएस

एससीएच/डीकेपी


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