ट्राइबल बिजनेस कॉन्क्लेव से उद्यमियों को सशक्त बनाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मिलेगी मदद

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने और जनजातीय समुदायों के लिए वित्त एवं निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 12 नवंबर को नई दिल्ली के यशोभूमि में ट्राइबल बिजनेस कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी सरकार की ओर से बुधवार को दी गई।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह कॉन्क्लेव भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती भी मनाएगा, जो प्रधानमंत्री के ‘जनजातीय गौरव’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
यह कार्यक्रम जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा संस्कृति मंत्रालय और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।
बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण पर आधारित, इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य पूरे भारत में जनजातीय उद्यमियों को सशक्त बनाना और समावेशी, इनोवेशन-आधारित और सतत विकास को बढ़ावा देना है।”
यह आयोजन भारत की विकास यात्रा में एक परिवर्तनकारी मील का पत्थर साबित होगा, जहां आदिवासी उद्यमिता राष्ट्रीय विकास की कहानी में केंद्रीय स्थान रखती है।
इस आयोजन में एमएसएमई, कौशल विकास एवं उद्यमिता, कपड़ा, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख मंत्रालयों भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
कॉन्क्लेव के कार्यक्रमों में आदिवासी उद्यमियों के लिए “रूट्स टू राइज” पिचिंग सत्र शामिल होंगे, जहां वे अपने व्यावसायिक विचारों को निवेशकों, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) लीडर्स और सरकारी संस्थानों के समक्ष मार्गदर्शन, फंडिंग और इनक्यूबेशन के लिए प्रस्तुत कर सकेंगे।
बयान में कहा गया है कि आगे नॉलेज सेशन, मास्टरक्लास और कौशल विकास एवं बाजार पहुंच पर केंद्रित एक सीईओ फोरम का भी आयोजिन किया जाएगा।
इसमें 100 से अधिक आदिवासी स्टार्टअप और सूक्ष्म उद्यमों की एक प्रदर्शनी भी होंगी, जिसमें शिल्प, कृषि-उत्पाद, वनोपज और हरित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। इस आयोजन का एक अन्य प्रमुख आकर्षण है, साथ ही एक क्रेता-विक्रेता बैठक भी है।
–आईएएनएस
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