सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के आदेश को रद्द कर दिया, जिसने कथित माओवादी लिंक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा और अन्य को आरोप मुक्त कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जीएन की मुश्किलें बढ़ गई है। बता दें कि पिछले साल बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने साईंबाबा और पांच अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जीएन साईंबाबा के खिलाफ माओवादियों से संबंध मामले पर नए सिरे से विचार करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा है।
क्या है आरोप
साल 2014 में नक्सलियों से संबंध मामले में साईंबाबा की गिरफ्तारी हुई थी। इस समय वह नागपुर सेंट्रल जेल में बंद है। व्हील चेयर के सहारे चलने वाले साई बाबा दिल्ली विश्वविद्यालय
के राम लाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी पढ़ाते थे।
साईंबाबा पर माओवादी लिंक और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।14 अक्टूबर 2022 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने जीएन साईंबाबा को बरी कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश भी दिया था।