60वां आईएचजीएफ दिल्ली फेयर 2025 का आज शुभारंभ, कई देश हो रहे शामिल


ग्रेटर नोएडा, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स) द्वारा आयोजित देश के सबसे प्रतिष्ठित व्यापार मेलों में से एक 60वां आईएचजीएफ दिल्ली फेयर (ऑटम) 2025 का भव्य शुभारंभ आज सोमवार को होगा।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, प्रवासी भारतीय एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। वहीं, दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा विशिष्ट अतिथि होंगे। फिल्म विकास परिषद, उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष एवं फिल्म निर्माता तरुण राठी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

13 से 17 अक्टूबर तक चलने वाले इस पांच दिवसीय मेले में दुनिया के 110 से अधिक देशों से खरीदारों के आने की उम्मीद है। 16 प्रदर्शनी हॉल और 900 स्थायी शोरूम में 3,000 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शक अपने उत्पाद प्रदर्शित करेंगे। मेले में होम डेकोर, फर्नीचर, टेक्सटाइल, फैशन जूलरी, बैग्स एवं एक्सेसरीज, लैंप, आउटडोर गार्डन, त्योहारों की सजावट और बेबी प्रोडक्ट्स सहित 16 कैटेगरी में उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे।

ईपीसीएच अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने बताया कि यह मेला भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए एक विश्वसनीय सोर्सिंग प्लेटफॉर्म बन चुका है। इस वर्ष मेले की थीम ‘वेव ऑफ प्रोग्रेस यानी प्रगति की लहर’ पर आधारित है, जो भारतीय परंपरा और आधुनिकता का संगम पेश करेगी। मेले के दौरान खरीदारों और प्रदर्शकों के लिए नॉलेज सेशन, लाइव शिल्प प्रदर्शन, थीम आधारित डिस्प्ले, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और श्रेष्ठ प्रदर्शकों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

साथ ही रिटेल, डिजिटलीकरण, विजुअल मर्चेंडाइजिंग और सप्लाई चेन जैसे विषयों पर विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे। इस मेले में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, जापान, सऊदी अरब समेत कई देशों की दिग्गज कंपनियां अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। वहीं भारत की ओर से फैबइंडिया, रिलायंस रिटेल, लूलू ग्रुप, पेपरफ्राई, शॉपर्स स्टॉप, ताज ग्रुप ऑफ होटल्स जैसे बड़े नाम भी शामिल होंगे।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच गया है। ऐसे में यह मेला निर्यात बढ़ाने और कारीगरों को वैश्विक मंच दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा।

–आईएएनएस

पीकेटी/डीएससी


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