सूरत : 27 सालों से परंपरा जारी, यादव समुदाय ने सुरक्षित गरबा आयोजित किया, हजारों लोग हुए शामिल


सूरत, 29 सितंबर (आईएएनएस)। नवरात्रि के उत्सव में गुजरात में विशाल गरबा पंडाल रंग-बिरंगे रूपों में जगमगा रहे हैं। सूरत जिले के कामरेज के लसकाणा गांव में यादव समुदाय के बगीचे में भी रविवार को गरबा का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।

सूरत जिले सहित पूरे राज्य में नवरात्रि का उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। यादव समुदाय की बेटे-बेटियों को गरबा कहीं बाहर न खेलने जाना पड़े, इसे देखते हुए गरबा का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग एक हजार भाई-बहनों ने सप्तमी के दिन अपने पारंपरिक परिधान और आभूषण पहनकर एक साथ गरबा खेला।

यादव समुदाय में पिछले 27 सालों से यह आयोजन होता आ रहा है ताकि समुदाय की बेटियां सुरक्षित वातावरण में गरबा खेल सकें। साथ ही, नवरात्रि के नौ दिनों में मा दुर्गा की आरती के लिए 2.50 लाख रुपए की बोली लगाई जाती है। जो भी राशि एकत्रित होती है, उसे नवरात्रि की पूजा में खर्च किया जाता है।

आयोजक काना भाई भाटू ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि इस पंडाल में हजारों लोग गरबा खेलने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने अलग-अलग ड्रेस कोड अपनाकर माता रानी की भक्ति में नृत्य किया। हमारे समुदाय के लोगों को कोई परेशानी न हो, इसको ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया जाता है।

उन्होंने बताया कि गरबा के बहाने माता-बहनों से छेड़छाड़ की भी घटनाएं होती हैं। इसे रोकने और अपने समुदाय के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हम लोग केवल अपने समुदाय के लोगों के साथ ही गरबा खेलते हैं। 27 सालों से हम लोगों के यहां शांति से गरबा खेला जा रहा है।

आयोजक ने बताया कि नवरात्रि में जो फंड मिलता है, अगर उसमें कुछ बच जाता है तो हम लोग उसका शिक्षा में प्रयोग करते हैं या फिर जिसे बहुत जरूरत होती है, उन्हें सभी की सहमति से उपलब्ध कराते हैं। पूरे आयोजन में किसी को कोई परेशानी न हो, इसका भी विशेष ध्यान दिया जाता है।

–आईएएनएस

एसएके/एबीएम


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