गुल पनाग ने चेन्नई यात्रा के अनुभव किए साझा, परिवार संग पारंपरिक अंदाज में दिखीं


मुंबई, 28 सितंबर (आईएएनएस)। अभिनेत्री गुल पनाग ने हाल ही में चेन्नई की यात्रा की। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया पर अपनी इस यात्रा के खास पलों को प्रशंसकों के साथ साझा किया।

इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई तस्वीरों में गुल अपने परिवार के साथ पारंपरिक दक्षिण भारतीय वेशभूषा में नजर आ रही हैं। गुल ने सफेद साड़ी के साथ हरे रंग का ब्लाउज पहना, जिसे उन्होंने नेकपीस और झुमकों से सजाया। वहीं, उनके पति ऋषि अटारी और बेटे निहाल ने भी शर्ट और धोती में पारंपरिक लुक अपनाया।

इन तस्वीरों के साथ गुल ने एक भावुक कैप्शन भी लिखा, जिसमें उन्होंने अपनी बचपन के अनुभव और यात्रा के महत्व को बताया।

गुल और उनके पति, दोनों आर्मी परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने लिखा, “मैं और मेरे पति आर्मी ब्रैट्स (जिनके माता-पिता ने आर्मी में सेवा दी) के रूप में बड़े हुए, हमें हर साल स्कूल और शहर बदलना पड़ता था। हम दोनों को जिंदगी ने कई बदलाव को अपनाने, खुले दिमाग और भारत की सांस्कृतिक विविधता को जीने की क्षमता दी है। लेकिन, अब जब हम पेरेंट्स हैं, तो हम बेटे निहाल को भी ये अनुभव देना चाहते हैं।”

गुल ने बताया कि वे और उनके पति चाहते हैं कि उनका बेटा किताबों से बाहर निकलकर संस्कृति को महसूस करे।

उन्होंने कहा, “हमारी ये यात्रा ओणम फेस्टिवल के मौके पर हुई थी, जो केरल का प्रमुख पर्व माना जाता है, लेकिन चेन्नई में भी इसे उत्साह के साथ मनाया जाता है।”

गुल ने बताया कि निहाल ने स्कूल में ओणम के बारे में पढ़ा था, इसलिए यह उनके लिए इसे जीवंत अनुभव करने का सही अवसर था। होटल स्टाफ ने उनके इस अनुभव को और खास बनाया। उन्होंने उनके लिए पारंपरिक कपड़े, ओणम की खास दावत ‘सद्या’ (केले के पत्ते पर परोसी जाने वाली भोजन), कपलेश्वर मंदिर की यात्रा और साड़ी खरीदारी का इंतजाम किया।

गुल ने यह भी बताया कि उन्हें पल्लंगुजी नामक पारंपरिक दक्षिण भारतीय बोर्ड गेम भी सिखाया गया, जो अब उनके परिवार का पसंदीदा खेल बन गया है।

उन्होंने कहा, “निहाल के लिए यह कोई क्लासरूम की पढ़ाई नहीं थी। यह मंदिर की घंटियों की आवाज, नए स्वाद, और माता-पिता को पारंपरिक कपड़ों में देखने की खुशी थी।”

उनके लिए यह यात्रा केवल जगहें देखने की नहीं, बल्कि संस्कृति को महसूस करने और यादों के साथ-साथ नई चीजों के अनुभव को घर ले जाने की थी।

उन्होंने कहा कि ब्रैट्स उन बच्चों को कहते हैं, जिनका बचपन अलग-अलग जगहों पर बीतता है, क्योंकि उनके माता-पिता फौज में होते हैं और उनकी नौकरी के कारण उन्हें बार-बार घर बदलना पड़ता है।

–आईएएनएस

एनएस/एबीएम


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