नमो भारत कॉरिडोर पर एनसीआरटीसी ने ड्रोन-आधारित ओएचई मॉनिटरिंग की शुरुआत की

नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर तकनीकी नवाचार का एक और अध्याय जोड़ते हुए ड्रोन-आधारित ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) मॉनिटरिंग प्रणाली की शुरुआत की है। रेलवे, आरआरटीएस और मेट्रो नेटवर्क के रखरखाव के क्षेत्र में इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस तकनीक से ट्रेन संचालन को और सुरक्षित, कुशल तथा सतत बनाने की दिशा में एनसीआरटीसी ने महत्वपूर्ण पहल की है।
इस ड्रोन तकनीक का संचालन और प्रबंधन एनसीआरटीसी के संचालन एवं रखरखाव पार्टनर डीबी आरआरटीएस ऑपरेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड करेगा। यह ड्रोन हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे, थर्मल सेंसर और एआई-आधारित एनालिटिक्स से लैस हैं। इनके माध्यम से ओएचई की ढीली फिटिंग, इन्सुलेशन से जुड़ी खराबियों या किसी भी तरह के हॉटस्पॉट की शुरुआती पहचान संभव हो सकेगी।
ड्रोन बिना संपर्क के ओवरहेड लाइनों का बारीकी से निरीक्षण करते हैं, जिससे न केवल समय की बचत होती है बल्कि सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है। अब तक ओएचई की जांच मैन्युअल तरीके से होती थी, जिसमें ज्यादा समय, कर्मचारियों की तैनाती और कई बार सेवाओं के अस्थायी रूप से बाधित होने जैसी चुनौतियां सामने आती थीं। नई ड्रोन प्रणाली इन समस्याओं से मुक्ति दिलाएगी और डेटा-ड्रिवन, पूर्वानुमानित रखरखाव सुनिश्चित करेगी।
इससे डाउनटाइम में कमी आएगी और यात्री निर्बाध व सुरक्षित यात्रा का अनुभव कर सकेंगे। इस अवसर पर एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कहा, “ड्रोन-आधारित ओएचई मॉनिटरिंग से नमो भारत सेवाओं की सुरक्षा और विश्वसनीयता और भी मज़बूत हुई है। यह तकनीक पूर्वानुमानित रखरखाव को सक्षम बनाती है, जिससे यात्रियों को आरामदायक और भरोसेमंद यात्रा मिलेगी।”
वहीं डीबी ई.सी.ओ. ग्रुप और डीबी इंटरनेशनल ऑपरेशंस के सीईओ निको वॉरबनॉफ ने कहा, “ड्रोन का उपयोग हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सुरक्षा और नवाचार के साथ भविष्य-दृष्टि आधारित समाधान है, जो भारत की सबसे उन्नत ट्रेन प्रणाली को नया आयाम दे रहा है।”
नमो भारत परियोजना को तकनीक के क्षेत्र में कई पहली उपलब्धियों का श्रेय मिल रहा है। यह विश्व की पहली प्रणाली है, जिसमें एलटीई बैकबोन पर ईटीसीएस हाइब्रिड लेवल 3 सिग्नलिंग तकनीक का उपयोग हो रहा है। 180 किमी प्रति घंटे की डिज़ाइन स्पीड और 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ यह भारत की सबसे तेज़ क्षेत्रीय रेल है।
–आईएएनएस
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